For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पूर्वाग्रह तो छोडिये मिलिए स्व बिसराय

मुख धरे डली नून की मीठो स्वाद न पाय

अनुशासित होकर रहे पतंग उड़े अकास

भागी फिरे कुरंग सम डोर पिया के पास

सिकुड़े गलियारे सहन ऊँची मन दहलीज

गलती माली की रही  कैसे बोये बीज

कब तक परछाई चले पूछ न कितनी दूर

धूप चढ़े सिर बावरी छाया थक कर चूर 

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 621

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 14, 2013 at 12:23am

पूर्वाग्रह तो छोडिये मिलिए स्व बिसराय

मुख धरे डली नून की मीठो स्वाद न पाय

आदरणीया वंदना जी ..छंद वद्ध अच्छी रचना ....सुन्दर सीख
भ्रमर ५

Comment by vandana on September 10, 2013 at 6:32am

बहुत बहुत आभार आदरणीय बृजेश जी, डॉ. ललित जी और विजय जी 

Comment by विजय मिश्र on September 9, 2013 at 12:18pm
वंदनाजी ! साधुवाद , दोहे तो हैं ही अनूठे ,इतने सुंदर सारगर्भित भाव को बिम्ब के साथ स्वेम में समेटे हुए हैं कि क्या कहने ! अनेक बधाई |
Comment by Dr Lalit Kumar Singh on September 8, 2013 at 6:06pm

बहुत बढिया दोहे  है 

Comment by बृजेश नीरज on September 8, 2013 at 10:15am

बहुत ही सुन्दर! अप्रतिम! कथ्य बहुत उच्च कोटि का है। आपको हार्दिक बधाई!

Comment by vandana on September 8, 2013 at 6:13am

बहुत बहुत आभार आदरणीय रविकर सर ,भंडारी सर और मंजरी मैम  

Comment by mrs manjari pandey on September 7, 2013 at 10:07pm

पूर्वाग्रह तो छोडिये मिलिए स्व बिसराय

मुख धरे डली नून की मीठो स्वाद न पाय   आदरणीया  वंदना जी    सुन्देर दोहे. हार्दिक बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 7, 2013 at 8:25pm

आदरणीया वन्दना जी , बहुत बढिया दोहे रचे है आपने , बधाई !!

Comment by रविकर on September 7, 2013 at 7:41pm

बहुत बढ़िया दोहे-
आभार आदरेया-

पूर्वाग्रह तो छोडिये, मिलिए स्व बिसराय |
नून डली मुख में धरे, स्वाद मधुर नहिं पाय ||


अनुशासित होकर रहे, उड़े पतंग अकास |
भागी फिरे कुरंग सम, डोर पिया के पास ||

Comment by vandana on September 7, 2013 at 4:06pm

आदरणीय अरुण जी और पाठक जी  बहुत बहुत धन्यवाद सुझाव के लिए

 प्रवाह की बाधा कहाँ कहाँ लगी कृपया यह भी बताइये छंद के मामले में मेरी स्थिति बहुत कमजोर है सुधार के लिए आप सभी का मार्गदर्शन चाहती हूँ 

जगण दोष को यूँ दूर किया जा सकता है 

भागी फिरे कुरंग सम  डोर पिया के पास

कृपया सुझाव दीजिये 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, आपकी संशोधित रचना भी तुकांतता के लिहाज से आपका ध्यानाकर्षण चाहता है, जिसे लेकर…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई, पदों की संख्या को लेकर आप द्वारा अगाह किया जाना उचित है। लिखना मैं भी चाह रहा था,…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए है।हार्दिक बधाई। भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ । "
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, हार्दिक धन्यवाद  आभार आपका "
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद  आभार आदरणीय अशोक भाईजी, "
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभाजी "
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी बहुत सुन्दर भाव..हार्दिक बधाई इस सृजन पर"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत ही सुंदर भाव,वाचन में सुन्दर प्रवाह..बहुत बधाई इस सृजन पर आदरणीय अशोक जी"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service