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लोहा ले तलवार से, तभी कलम की शान
जनता करती याद है, बढे कलम का मान | 
बढे कलम का मान, जुल्म पर खुलकर बोले
मसी छोड़ दे छाप, न्यायिक तुला पर तोले 
रही धर्म के साथ, उसी ने मन को मोहा 
काँपे कभी न हाथ, झूठ से जब ले लोहा||
 (मौलिक व अप्रकाशित ) 

 

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला       

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 4, 2013 at 10:13pm

छंद के पदांत की त्रुटी की ओर ध्यान दिलाने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय | कुंडलिया छंद के दोहे का प्रारम्भ 

करते समय ही इस बात का ध्यान नहीं रहा | संशोधित कर सुधार का प्रयास किया है | सादर  

Comment by बृजेश नीरज on October 3, 2013 at 5:48pm

आदरणीय लक्ष्मण जी मेरे कहे को मान देने के लिए आपका आभार! मुझे इन शब्दों का अर्थ जानना था! 


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Comment by Saurabh Pandey on October 3, 2013 at 4:24pm

अब यह कोई अन्यथा तथ्य नहीं रह गया है, आदरणीय, कि आप सराहना और बधाइयों के अधिक आग्रही हैं.

वर्ना कुण्डलिया के रोला वाले भाग का पदांत कैसे होता है यह न आपके लिए नयी बात रह गयी है,  न ही रोला छंद और कुण्डलिया छंद के पुराने अभ्यासियों के लिए यह कोई यूरेका वाली बात है. 
या, आप किसी विशिष्ट मान्यता को अपनाये बैठे हैं जो इन छंदों के विधान किसी और ढंग से अनुमोदित करते-करवाते हों ? ऐसा है, तो हम सभी के लिए भी जानना रोचक होगा, आदरणीय.
सादर

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 3, 2013 at 8:59am

छंद सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार डॉ अनुराग सैनी जी, श्री रमेश कुमार चौहान जी, और श्री सुशिल जोशी जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 3, 2013 at 8:58am

छंद पसंद करने हेती आपका हार्दिक आभार भाई श्री ब्रजेश नीरज जी | मैंने मसी का अर्थ श्याही (ink), धूजे का अर्थ काँपे,

और झूठ माने असत्य से लिया है | इसमें कोई विसंगति हो तो अवश्य जानकारी करावे | सादर 

Comment by Sushil.Joshi on October 2, 2013 at 8:59pm

सुंदर कुण्डलिया छंद आदरणीय लक्ष्मण जी....

Comment by रमेश कुमार चौहान on October 2, 2013 at 8:07pm

न्याय की कलम से यही मांग है । बधाई आदरणीय आपको इस कुंडली पर........

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on October 2, 2013 at 2:15pm

आदरणीय कलम की अपार महिमा है ! बधाई आपको 

Comment by बृजेश नीरज on October 2, 2013 at 1:00pm

आदरणीय लाडीवाला जी  बहुत सुन्दर कुण्डलियाँ! आपको हार्दिक बधाई!

आपसे सादर अनुरोध है कि इन तीन शब्दों- 'मसी', 'धूजे', 'झूंठ' के अर्थ बताने का कष्ट करें!

सादर! 

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