For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लोहा ले तलवार से, तभी कलम की शान
जनता करती याद है, बढे कलम का मान | 
बढे कलम का मान, जुल्म पर खुलकर बोले
मसी छोड़ दे छाप, न्यायिक तुला पर तोले 
रही धर्म के साथ, उसी ने मन को मोहा 
काँपे कभी न हाथ, झूठ से जब ले लोहा||
 (मौलिक व अप्रकाशित ) 

 

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला       

Views: 432

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 4, 2013 at 10:13pm

छंद के पदांत की त्रुटी की ओर ध्यान दिलाने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय | कुंडलिया छंद के दोहे का प्रारम्भ 

करते समय ही इस बात का ध्यान नहीं रहा | संशोधित कर सुधार का प्रयास किया है | सादर  

Comment by बृजेश नीरज on October 3, 2013 at 5:48pm

आदरणीय लक्ष्मण जी मेरे कहे को मान देने के लिए आपका आभार! मुझे इन शब्दों का अर्थ जानना था! 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 3, 2013 at 4:24pm

अब यह कोई अन्यथा तथ्य नहीं रह गया है, आदरणीय, कि आप सराहना और बधाइयों के अधिक आग्रही हैं.

वर्ना कुण्डलिया के रोला वाले भाग का पदांत कैसे होता है यह न आपके लिए नयी बात रह गयी है,  न ही रोला छंद और कुण्डलिया छंद के पुराने अभ्यासियों के लिए यह कोई यूरेका वाली बात है. 
या, आप किसी विशिष्ट मान्यता को अपनाये बैठे हैं जो इन छंदों के विधान किसी और ढंग से अनुमोदित करते-करवाते हों ? ऐसा है, तो हम सभी के लिए भी जानना रोचक होगा, आदरणीय.
सादर

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 3, 2013 at 8:59am

छंद सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार डॉ अनुराग सैनी जी, श्री रमेश कुमार चौहान जी, और श्री सुशिल जोशी जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 3, 2013 at 8:58am

छंद पसंद करने हेती आपका हार्दिक आभार भाई श्री ब्रजेश नीरज जी | मैंने मसी का अर्थ श्याही (ink), धूजे का अर्थ काँपे,

और झूठ माने असत्य से लिया है | इसमें कोई विसंगति हो तो अवश्य जानकारी करावे | सादर 

Comment by Sushil.Joshi on October 2, 2013 at 8:59pm

सुंदर कुण्डलिया छंद आदरणीय लक्ष्मण जी....

Comment by रमेश कुमार चौहान on October 2, 2013 at 8:07pm

न्याय की कलम से यही मांग है । बधाई आदरणीय आपको इस कुंडली पर........

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on October 2, 2013 at 2:15pm

आदरणीय कलम की अपार महिमा है ! बधाई आपको 

Comment by बृजेश नीरज on October 2, 2013 at 1:00pm

आदरणीय लाडीवाला जी  बहुत सुन्दर कुण्डलियाँ! आपको हार्दिक बधाई!

आपसे सादर अनुरोध है कि इन तीन शब्दों- 'मसी', 'धूजे', 'झूंठ' के अर्थ बताने का कष्ट करें!

सादर! 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Nov 17
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Nov 17
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Nov 17

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service