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माँ तुम हो
शक्तिस्वरूपा
मेरी भक्ति का संसार
माँ से ही प्रारंभ
यह जीवन
माँ ही उर्जा का संचार
नीड बनाने में कितनी
खो  गयी थी  माँ
उड़ गए
पंछी घोसलों से
फिर तन्हा हो गयी है माँ
-- शशि पुरवार

-----------------------
१६ / ९ /१३

मौलिक और अप्रकाशित

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Comment

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Comment by shashi purwar on October 15, 2013 at 11:23pm

arun ji , anupama ji , saurabh ji abhut bahut dhanyavad


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 15, 2013 at 10:41pm

बेहद प्रभावोत्पादक क्षणिकाएँ हैं, आदरणीया.

हार्दिक बधाइयाँ ..

Comment by annapurna bajpai on October 6, 2013 at 11:37pm

आदरणीया शशि जी बहुत ही सुंदर क्षणिकाएं । बधाई आपको । 

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 6, 2013 at 2:48pm

आदरणीया शशि जी वाह अत्यंत सुन्दर क्षणिकाएं, दोनों ही क्षणिकाएं एक दूसरे के विपरीत हैं द्वतीय क्षणिका का भाव मर्मस्पर्शी है. इन सुन्दर क्षणिकाओं हेतु दिल से बधाई स्वीकारें.

Comment by shashi purwar on October 6, 2013 at 1:18pm

नमस्कार  मित्रो

आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद  , आप सभी की सुन्दर प्रतिक्रिया ने मन को उर्ज्व्सित कर कलम को ताकत प्रदान की है आभार

Comment by Ravi Prabhakar on October 6, 2013 at 12:34pm

आदरणीय शशि जी,
सादर प्रणाम ।
आपकी दूसरी क्षणिका बेहद यथार्थ बयां करती है। माँ (बाप) केवल यह समझते है कि केवल भौतिक सुख ही औलाद के लिए जरूरी है और वे उसकी पूर्ति की उधेड़बुन में ही लगे रहते हैं और इन सब में वे अपनी औलाद से ही दूर हो जाते है। आज के भौतिकवादी युग पर आपकी क्षणिका बेहद बड़े सधे शब्दों में कटाक्ष करती है और सोचने पर मजबूर करती है । दिल से आपको बधाई देता हूं स्वीकार करें।

Comment by Abhinav Arun on October 6, 2013 at 10:15am

दोनों क्षणिकाएं अत्यंत प्रभावी हुई है आदरणीया हार्दिक बधाई आपको , सुन्दर भावपूर्ण सृजन !!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 6, 2013 at 10:07am

आदरणीया शशि जी, दोनों क्षणिकाएं अच्छी हुई हैं , दूसरी क्षणिका तो बहुत ही सान्द्र और हृदयस्पर्शी हुई है, बधाई प्रेषित है । 

Comment by Kapish Chandra Shrivastava on October 6, 2013 at 9:27am

     आदरणीया शशि पुरुवार जी.आपकी क्षणिकाएं बहुत अच्छी लगी । विशेषकर दूसरी आजकल के दौर में अभिभावकों की नियति का सही चित्रण है। बहुत बहुत बधाई । 
Comment by रविकर on October 6, 2013 at 8:50am

शुभकामनायें आदरेया-
सुन्दर क्षणिकाएं-

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