For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहे : अरुन शर्मा 'अनन्त'

कोमल काया फूल सी, अति मनमोहक रूप ।
तेरे आगे चाँद भी, लगता मुझे कुरूप ।।

भोलापन अरु सादगी, नैना निश्छल झील ।
जो तेरा दीदार हो, धड़कन हो गतिशील ।।

गेसू लगते आपके, ज्यों रेशम की डोर ।
बिखरें काली रात हो, सुलझें होती भोर ।।

अधर पाँखुरी पुष्प से, कोमल गाल गुलाब ।
तुमको पाकर हो गया, पूरा दिल का ख्वाब ।।

ज्यों झूमर से घर सजा, त्यों झुमकें से कान ।
आभूषण ही लाज का, नारी का सम्मान ।।

खन खन खनके चूड़ियाँ, हरी गुलाबी लाल ।
मेरी हर इक चाह का, रखतीं सदा खयाल ।।

छम छम छम पायल बजे, लूटे चैन करार ।
ईश्वर से इतनी दुआ, अमिट रहे यह प्यार ।।

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 882

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on November 3, 2013 at 3:51pm

मनमोहक दोहों के लिए बधाई, आदरणीय अरून जी।

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on November 3, 2013 at 3:50pm

अधर पाँखुरी पुष्प से, कोमल गाल गुलाब ।
तुमको पाकर हो गया, पूरा दिल का ख्वाब ।।

वाह सुन्दर दोहे भाई !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 30, 2013 at 10:27am

सुकोमल भाव प्रस्तुति के लिए बधाई प्रिय अरुण जी 

गेसू लगते आपके, ज्यों रेशम की डोर ।
बिखरें काली रात हो, सुलझें होती भोर ।।....बहुत सुन्दर 

फिर भी कुछ दोहों में कथ्य और प्रभावी हो सकता था... 

शुभकामनाएं 

Comment by विजय मिश्र on October 25, 2013 at 12:29pm
बहुत मीठे श्रृंगारिक भाव लिए मन प्रसन्न करने वाली रचना .बधाई अरुनजी
Comment by Sushil.Joshi on October 25, 2013 at 4:40am

वाह वाह आ0 अरुन भाई..... कितने सुंदर दोहे रचे हैं....... पढ़कर मन आनंदित हो गया..... आपने नायिका की सुंदरता का इस कदर बखान किया है कि प्रत्येक पंक्ति एक छवि उभार कर ला रही है............ बहुत बहुत बधाई इस अति सुंदर प्रस्तुति के लिए....

Comment by Saarthi Baidyanath on October 24, 2013 at 7:08pm

बहुत ही मनभावन ...प्रेम का पुट , रचना को जोड़ रहा है दिल से ...बढ़िया दोहे ..उत्तम दोहे :)

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 24, 2013 at 5:40pm

आदरणीय आशुतोष सर दोहों को पसंद करने हेतु हार्दिक आभार आपका जहाँ तक तकनीकी पक्ष की जानकारी है तो यहाँ समूह में भारतीय छंद विधान में उपलब्ध है. हम सबने यहीं से सीखा है और यहीं से स्वतः स्वतः गुरुजनों के सहयोग से कमियों को दूर कर रहे हैं. मंच पर तनिक विचरण कीजिये खजाना मौजूद है अवश्य मिलेगा. सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 24, 2013 at 5:36pm

आदरणीय श्री सौरभ सर जी आपकी विस्तृत टिपण्णी की प्रतीक्षा रहती है दोहे आपको पसंद आये मेरे लिए प्रसन्नता की बात है आपने और एवं अरु का उपयोग कहाँ और कब करना चाहिए इसकी जानकारी भी साझा की जिससे मैं अभी तक अनभिज्ञ था, जिन होने में तुकन्तता भारी पड़ रही है उन्हें सुधारने का प्रयास करता हूँ. हृदयतल से हार्दिक आभार आपका

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 24, 2013 at 5:33pm

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया मीना जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 24, 2013 at 5:33pm

हार्दिक आभार जीतेंद्र भाई जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service