For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुंडलिया छंद - लक्ष्मण लडीवाला

नीरसता में बदलता, नाशवान सुख-भाग,

सुख दुख में सम भाव रह,भौतिक सुख है रोग |

भौतिक सुख है रोग, अर्थ जीवन का जाने 
खुद का हो उद्देश्य, कृपा हम प्रभु की माने | 

कह लक्ष्मण कविराय, भरे मन में समरसता,
स्वच्छ करे मन भाव, तब न होगी नीरसता ||

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 607

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 6, 2013 at 2:44pm

हार्दिक आभार आपका श्री राम शिरोमणि पाठक जी | "भोग" शब्द त्रुटी वश भाग छप गया है | पंक्ति इस प्रकार है =

नीरसता में बदलता, नाशवान सुख-भोग,

सुख दुख में सम भाव रह,भौतिक सुख है रोग

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 6, 2013 at 2:41pm

हार्दिक आभार आपका श्री विजय मिश्र जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 6, 2013 at 2:39pm

कुंडलिया छंद सन्देशात्मक लगी, यह संतोष की बात है | आपका हार्दिक आभार श्री (डॉ) गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी और श्री

अरुण शर्मा "अनंत" जी |सादर

 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 6, 2013 at 2:37pm

छंद पसंद करने के लिए हार्दिक आभार आपका श्री श्याम नारायण जी वर्मा, और श्री शिज्जू शक्कर जी, 

Comment by ram shiromani pathak on December 6, 2013 at 1:06am

नीरसता में बदलता, नाशवान सुख-भाग,
सुख दुख में सम भाव रह,भौतिक सुख है रोग |तुकांत भी देख लें आदरणीय ..... सादर

Comment by विजय मिश्र on December 5, 2013 at 5:05pm
समरसता से मन स्वच्छ रहता है और उदास नहीं होता - अच्छी सीख , आभार लक्ष्मण जी .
Comment by अरुन 'अनन्त' on December 5, 2013 at 4:21pm

आदरणीय सर बहुत सुन्दर संदेशात्मक कुण्डलिया छंद रचा है आपने प्रवाह में थोड़ी कमी लगी बधाई स्वीकारें

Comment by ram shiromani pathak on December 4, 2013 at 8:58pm
सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय लक्षमण जी। …… थोडा और समय देंगे तो और भी निखार आ जाएगा।।सादर
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 4, 2013 at 1:48pm

लड़ी वाला जी

कुण्डलिया अच्छी है और उसका  सन्देश भी i

बधाई हो i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 4, 2013 at 11:09am

अच्छी कुण्डलिया है आदरणीय लड़ीवाला जी बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आयोजन में आपकी उपस्थिति और आपकी प्रस्तुति का स्वागत…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आप तो बिलासपुर जा कर वापस धमतरी आएँगे ही आएँगे. लेकिन मैं आभी विस्थापन के दौर से गुजर रहा…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service