For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियों के हम दीप जलाएं

खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं  

हो हमसे कोई हृदय दुखी
वहाँ  प्रेम का बीज बो आयें
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं 

हो न कोई भूखा, ग़मगीन
हों सब रोजगारी व ज़हीन
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं 

निर्भय हो समाज में सभी जहाँ
बेटियों का हो सम्मान जहाँ  
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं

भाई हों राम लक्ष्मण जहाँ
ना हो सीता वनवास जहाँ   
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं

चीरें सीना वसुन्धरा का    
गुच्छे स्वर्ण बाली उगायें  
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं
 
मान करे बुजुर्गो का सभी    
हम-तुम ऐसी रीत चलायें  
खुशियों के हम दीप जलाएं
जग में उजियारा फैलाएं

मैलिक/अप्रकाशित 

मीना पाठक

Views: 599

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on December 23, 2013 at 1:16pm

आदरणीय सौरभ जी, हौसलाअफजाई और मार्गदर्शन हेतु सादर नमन 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 13, 2013 at 11:08pm

आदरणीया मीनाजी, आपकी रचना को एक दृष्टि में देख गया. आपने अपनी प्रस्तुत कविता में पंक्ति सम्बद्ध मात्रिकता का समुचित निर्वहन किया है. यानि प्रति पंक्ति कुल मात्रा कमोबेश १६ है. अतः आपका प्रयास आश्वस्त तो करता है लेकिन बहुत कुछ की मांग भी करता है.
भावनाएँ और बिम्ब समुचित है कि रचनाकर्म किया जा सके. लेकिन शिल्प समब्नधी मूलभूत बातों को जानना आवश्यक है. पंक्तियों में सभी शब्दों की कुल मात्रिकता का समान रहना तो आवश्यक है ही सरस गेयता के लिए शब्दों को पंक्तियों में सही ढंग से रखा जाना भी आवश्यक है.
यानि, ऐसे शब्द जिनकी कुल मात्रा सम संख्या है के बाद का शब्द उसी के अनुसार सम संख्या वाली मात्रा का होना चाहिये. तथा, जिस शब्द की कुल मात्रा विषम संख्या हो तो उसके बाद विषम मात्रिक शब्द ही आना चाहिये. ऐसा नहीं होने पर कोई कविता हो या मात्रिक छंद उसकी लय बन ही नहीं सकती है.
उदाहरण के लिए निम्नलिखित पंक्ति देखें -

हो न कोई भूखा, ग़मगीन
हों सब रोजगारी व ज़हीन

हो न - २+१ = ३
कोई - २+२ = ४.... . ३ मात्रिक शब्द् अके बाद ४ मात्रिक शब्द यानि लय टूटी
इसी तरह से,
हों सब - २+२ = ४
रोज - २+१ = ३
गारी - २+२ =४  .. फिर लय टूटी

अब इसी उदाहरण के सापेक्ष पनी कविता को देख जाइये.
सादर

Comment by Meena Pathak on December 7, 2013 at 2:51pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय जितेन्द्र जी 

Comment by Meena Pathak on December 7, 2013 at 2:50pm

सादर आभार आदरणीय अरुन कुमार जी 

Comment by Meena Pathak on December 7, 2013 at 2:50pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय अरुन 'अनन्त जी  

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 7, 2013 at 2:00am

बहुत सुंदर सकारात्मक रचना, बधाई स्वीकारे आदरणीया मीना दीदी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on December 6, 2013 at 9:43pm

सुन्दर सकारात्मक रचना.................

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 6, 2013 at 3:10pm

आदरणीया मीना जी बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति सुन्दर सोच अच्छे विचार बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by Meena Pathak on December 6, 2013 at 2:36pm

उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार आ० संदीप जी 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on December 6, 2013 at 2:12pm

बहुत सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया सादर बधाई स्वीकारें

जय हो

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
31 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
16 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service