For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अतुकांत -- " कुरेदिये नही " ( गिरिराज भंडारी )

समय के ,

सूर्य के ताप से

सूखता हुआ मल,

स्वयम ही,

स्वाभाविक रूप से ,

हो जायेगा

दुर्गन्ध हीन |

और फिर

वातावरण स्वयम ही

हो जायेगा ,

शुद्ध ,परिशुद्ध

निर्मल |

बस ,

आप कुरेदिये नही

बारम्बार

सूखते हुये मल को |  

शायद अहं, मल का भी हो

या अहं, मल ही होता हो ||

*******************

मौलिक एवँ अप्रकाशित 

Views: 546

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 25, 2013 at 8:26pm

आदरणीय सौरभ भाई , मेरे प्रयास को आपका आशीर्वाद मिला इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है मेरे लिये । आपने सही कहा  अंत के दो लाइने नही जोडना था , पोस्ट करते करते बात सूझी और जोड़ दिया ॥ उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया के लिये आपका आभारी हूँ ॥


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 25, 2013 at 8:15pm

आपके प्रयास पर मन प्रसन्न है, आदरणीय गिरिराज जी.

इस कविता के सर्वसमाही गुण को समादर देते हुए आपने यदि अंतिम दो प्ंक्तियाँ न रखीं होती तो मेरी समझ से अधिक उचित होता. वो दोनों पंक्तियाँ उपसंहार की तरह लग रही हैं.

लेकिन बहुत-बहुत बधाई आपकी रचना के लिए.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 20, 2013 at 11:22am
आदरणीय लक्ष्मण भाई , आपका कुछ न कह पाना बहुत कुछ कह दिया । आपका हार्दिक आभार ॥
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 20, 2013 at 7:54am

भाई गिरिराज जी

प्रशंसा के लिए शब्द ढूढे नहीं  मिल रहे


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 19, 2013 at 6:50pm

आदरणीया अन्नपूरणा जी , रचना की सराहना और उत्साह वर्धन के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 19, 2013 at 6:48pm

आदरणीय अविनाश भाई , रचना की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 19, 2013 at 6:47pm

आदरणीय जीतेन्द्र भाई , रचना की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के  लिये आपका आभारी हूँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 19, 2013 at 6:46pm

आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , आपका अशीर्वाद सदा मेरे साथ रहा है , आपक हृदय से आभारी हूँ । ऐसे ही स्नेह बनाये रखें ॥ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 19, 2013 at 6:42pm

आदरणीय संजय भाई , आपकी प्रतिक्रिया सदा मेरा उत्साह वर्धन करती रही है , आपका बहुत आभार । ऐसे ही स्नेह बनाये रखें ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 19, 2013 at 6:40pm

आदरणीया मीना जी , रचना की सराहना और उत्साह वर्धन के लिये आपका बहुत शुक्रिया ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागत है"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
Thursday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Apr 14

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Apr 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service