आकर्षण – विकर्षण
चुम्बक मे ही नहीं होता
भाव भी खींचते हैं , दूर कर देते हैं
भावों को ।
बस , नियम उलटा है
चुम्बक से ।
एक ही भावों होता है खिचाव ,
भाव अलग हों तो दुराव ।
और फिर ,
बन जाता है / बन जायेगा
एक समूह,
समान भाव वालों का , और तब
पोषित ,पुष्पित होगा
वही भाव ,और अधिक ,
गहन होगा , विस्तारित होगा
बहेगा एक से दूसरे में ,
आच्छादित हो जायेगा
आपके आस पास का ,सब कुछ ,
उसी भाव से ।
फिर , जियेंगे ,मरेंगे भी
उसी भाव के लिये ।
सारा जीवन क्रम घूमने लगेगा
इर्द गिर्द ,उसी भाव के ।
आप माने न माने
यही सच है ,
यही हो रहा है , सदा से
यही होगा , आगे भी
ऐसे में भावों का अशुभ होना कितना सही है ?
चलो सोचें ॥
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मौलिक एवँ अप्रकाशित ( संशोधित )
Comment
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी,
बहुत सुन्दर स्पष्ट तथ्यपरक वैचारिक सिद्धान्त को पूर्ण विशवास से शब्द मिले हैं.. और प्रकृति के आकर्षण विकर्षण के गुह्य नियम को बिलकुल सही अभिव्यक्ति. इस हेतु बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.
किन्तु आदरणीय अभिव्यक्ति में उच्च तथ्यात्मकता को शब्द देने के क्रम में कहीं-कहीं सपाटबयानी सी भी हो गयी है..जिससे बचना संभव था..
एक बार पुनः प्रस्तुति को तीन चार बार पढ़ जाइए... स्वयं ही गेयता की कहाँ ज़रुरत है..आपको स्पष्ट होने लगेगा. उसके बाद पुनः वार्ता को आगे बढाते हैं.
टंकण में हुई त्रुटियों को भी संशोधित अवश्य ही कर लें.
शुभ अपेक्षाएं
सादर
भाव भी खींचते हैं , दूर कर देते हैं
भावों को ।
बस , नियम उलटा है
चुम्बक से ।
भाव एक ही हों तो
खिचाव निश्चित है ,
अलग हों तो दुराव...........सच! बहुत प्रभावशाली भाव, बधाई स्वीकारें आदरणीय गिरिराज जी
आदरणीय नादिर खान भाई , रचना की तारीफ के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया ॥
आदरणीय शिज्जू भाई , रचना की सराहना कर उत्साह वर्धन के लिये आपका आभार ॥
आदरणीया महिमा जी , उत्साह वर्धन के लिये आपका आभारी हूँ ॥
आदरणीय अविनाश भाई , रचना की सराहना के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया ॥
आदरणीय श्याम भाई , सराहना के लिये आपका बहुत शुक्रिया ॥
सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीय गिरिराज जी ..
नये साल की अग्रिम शुभकामनायें ।
आदरणीय गिरिराज सर बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति है इस रचना के लिये दिली बधाई स्वीकार करें
आप माने न माने
यही सच है ,
यही हो रहा है , सदा से
यही होगा , आगे भी
ऐसे में भावों का अशुभ होना कितना सही है ?
चलो सोचें ॥..... क्या बात है .... .. सच तो है जैसा हम सोच रखते है जीवन में भी वैसा ही होता रहता है ... नव वर्ष की बधाई और शुभकामनायें सादर
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