For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......... डॉ० प्राची

नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम

वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......

 

गत्य धुरी पर आगत नित नव

युग्म सतत, प्रति क्षण हो उत्सव,

सद्विचार सन्मार्ग नियामक

ऊर्ध्व करें मानवता मस्तक,

मिटे कलुषता का अँधियारा, हृदय ज्ञान से ज्योतिर्मय हो ......

नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम, वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......

 

परिष्कार को प्रतिक्षण तत्पर

संकल्पित अभ्यास सतत कर,

नित्य ज्ञान हित सर्व समर्पित

क्षुद्र अहम् कर पूर्ण तिरोहित,

भाव भक्ति हो नित श्रद्धामय, कर्म श्रेष्ठतम युति कृतिमय हो ......

नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम, वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......

 

अर्थपूर्ण उन्नत चिंतन युत

जन हितार्थ हो सर्वस आहुत,

काव्य-सुधा दृढ़ भाव अलंकृत

मंथन दर्शन लेखन जागृत,

सद्ग्राही उर संस्कारमय, शब्द कंप में मधुरिम लय हो ......

नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम, वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......

 

प्रतिपूरित हों अभिलाषाएं

सतरंगी मन परिभाषाएं,

हर सुयत्न उल्लास भरा हो

लक्ष्य-भेद विश्वास भरा हो,

स्वास्थ्यपूर्ण औ’ वैभवशाली, यशपूरित प्रति क्षण सुखमय हो ......

नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम, वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो ......

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 1176

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on January 1, 2014 at 5:37pm

प्रतिपूरित हों अभिलाषाएं

सतरंगी मन परिभाषाएं,

हर सुयत्न उल्लास भरा हो

लक्ष्य-भेद विश्वास भरा हो,

स्वास्थ्यपूर्ण औ’ वैभवशाली, यशपूरित प्रति क्षण सुखमय हो ......

नित्य प्रगति सोपान गढ़ें हम, वर्ष नवल शुभ मंगलमय हो

सुन्दर रचना ... आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 1, 2014 at 3:32pm

आ० सुशील सरना जी 

रचना के भाव व कथ्य आपको सार्थक लगे... इस आश्वस्त करते अनुमोदन पर आभारी हूँ 

सादर धन्यवाद सहित नव वर्ष की शुभकामनाएं 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 1, 2014 at 3:31pm

सादर धन्यवाद के साथ आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आ० श्याम नारायण जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 1, 2014 at 3:29pm

रचना पर आपकी सराहना और उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय अखिलेश श्रीवास्तव जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 1, 2014 at 3:28pm

आदरणीय गिरिराज जी 

हम सभी मंच पर सीख ही रहे हैं...आपकी गुणग्राह्यता और सतत लेखन सद्प्रयासों नें मंच को आश्वस्त किया है...

यह रचना समुच्चय में आपको पसंद आयी और आपका आशीष मिला 

आपके प्रति हृदय से आभारी हूँ 

सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 1, 2014 at 3:25pm

आदरणीया कुंती जी 

रचना निहित भावों के सार्थक सम्प्रेषण के प्रति आश्वस्त करती आपकी सराहना के लिए हृदय से धन्यवाद 

आपको और आदरणीय शरदिंदु जी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 

Comment by Sushil Sarna on January 1, 2014 at 3:24pm

wah aa.jDr.Prachi Singh jee navvarsh pr aapkee ye rachna atyant bhaavpoorn v prernaadaayak hai...is shaandaar prastuti ke liye aapko haardik badhaae aur nav varsh kee haardik shubhkaamnaayen

Comment by Shyam Narain Verma on January 1, 2014 at 3:22pm
नये साल की बहुत सारी शुभकामनायें ।
 
इस खूबसूरत रचना के लिये दिली दाद कुबूल करें ..........................

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 1, 2014 at 3:15pm

आदरणीय एस सी ब्रह्मचारी जी..

रचना सन्निहित भावों की पूर्णता पर आपके अनुमोदन नें आत्मीय संतुष्टि प्रदान की है 

सादर धन्यवाद सहित नव वर्ष की अनेकानेक मंगलकामनाएं 

सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 1, 2014 at 3:09pm

रचना का भाव पक्ष व कथ्य आपको प्रेरक लगे..यह मेरे लिए बहुत संतोष की बात है प्रिय महिमा जी

हार्दिक धन्यवाद सहित आपको नववर्ष की शुभकामनाएं 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service