For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पूर्व संध्या की हुई विदाई
भाव भीनी भीनी
राजा जी का महल जागा
नव वर्ष की कर अगवानी
*
मंदिर का बजा घण्टा
ले टीका चंदन का
धूप दीप कर्पूर की आरती
पूरी घाटी महकी चंदन सी
*
सूरज अलसाता जागा
बादलों का मोह न छोड़ा
रहा दिन सोया सोया
सांझ पर न पहरा कोई
*
कुछ बुँदों की टीप टाप
पवन में सुर न जागा
आधि दुनिया में हो-हल्ला
आधि दुनिया खोयी खोयी.
*

कहीं आदि कहीं अंत
कहीं मातम कहीं खुशी
दक्षिणी ध्रुवी देश का आंगन
गुलमोहर अमलतास के जलसे
*
लरजते गरजरे उल्लास मनाते
हिंद महासागर के तट पर
लहरों के फ़ेन टकड़ाए
बुल बुले रेत पर आए जाए.
*
शुभ नवल वर्ष हर आंगन उतरे
आठ सिद्धि नव निधि
दे खुशियों का सौगात
दुख-दरिद्रता वह हर ले जाए.
(मौलिक व अप्रकाशितरचना.)

Views: 858

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वेदिका on April 6, 2014 at 1:55pm
कुछ बुँदों की टीप टाप
पवन में सुर न जागा
आधि दुनिया में हो-हल्ला
आधि दुनिया खोयी खोयी.

जैसे हर एक किस्म का पुष्प ले कर एक अद्वितीय माला गूँथ दी हो। अद्भुत- अद्भुत
साधुवाद!!
Comment by Meena Pathak on January 9, 2014 at 6:53pm

शुभ नवल वर्ष हर आंगन उतरे
आठ सिद्धि नव निधि
दे खुशियों का सौगात
दुख-दरिद्रता वह हर ले जाए...........बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति आदरणीया कुन्ती दी | सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 7, 2014 at 7:37pm

इस भाव संप्रेषण के लिए धन्यवाद, आदरणीया

Comment by vandana on January 5, 2014 at 6:33am

बहुत सुन्दर भाव आदरणीया कुन्ती जी 

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 2, 2014 at 12:50pm

आदरणीया बहुत ही शानदार अभिव्यक्ति बहुत बहुत बढ़िया आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 1, 2014 at 9:49pm

शुभ नवल वर्ष हर आंगन उतरे
आठ सिद्धि नव निधि
दे खुशियों का सौगात
दुख-दरिद्रता वह हर ले जाए..............बेहद सुंदर, नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीया कुंती जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 1, 2014 at 9:25pm

प्रकृति के विविध दृश्यों के बिम्ब देते हुए सुन्दर अभिव्यक्ति 

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीया कुंती जी 

Comment by Maheshwari Kaneri on January 1, 2014 at 7:47pm

  कुंतीजी , नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ  लाजवाब प्रस्तुति के लिए बधाई....

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 1, 2014 at 1:06pm

आदरणीया  कुंतीजी , नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ आपको इसअति  सुंदर भाव पूर्ण रचना  की भी हार्दिक बधाई॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 1, 2014 at 11:52am

आदरणीया कुंती जी , लाजवाब शुभ कामना गीत के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥ नव वर्ष की आपको भी हार्दिक बधाइयाँ ॥

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
yesterday
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service