नई सुबह के स्वागत् में, हम वंदनवार लगायें।
रंग बिरंगे फूलों से, घर आंगन द्वार सजायें॥
नये वर्ष के अभिनंदन में, गीत नया हम गायें।
मंगल की सब करें कामना, मिलकर जश्न मनायें॥
फूल खिले हैं, बगिया महकी , हैं भँवरे मंडराये।
भ्रमर सरीखे हम भी झूमे , गुंजन करते जायें ॥
कुहू -कुहू जब कोयल कूके, चहुँदिश मस्ती छाये।
हम भी ऐसी बोली बोलें , मन सबका हर्षायें॥
छूने को आकाश ये पंछी , बड़ी दूर तक जायें।
अपनी बांहें फैलाकर हम, मन उड़ने का बनायें॥
चिड़ियों का कलरव प्यारा है, एक ही सुर में गायें।
पास चलें, चुपचाप चलें, स्वर हम समवेत मिलायें॥
पंछी जीना सिखलाते, हम, मन में उमंग जगायें।
छोटी सी जिंदगानी है, मिल-जुलकर मधुर बनायें॥
नया सूर्य है , वर्ष नया है, बहती ठंडी हवायें।
शुभ प्रभात की बेला में हम, सपने नये सजायें॥
धुंध, साथ में धूप खिली है, खुशबू भरी फिज़ायें।
द्वार, खिड़कियाँ सभी खोल दो, घर तक ये आ जायें॥
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सपरिवार सभी सदस्यों, पाठको के लिए यह नव वर्ष मंगलमय हो॥
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव
विवेकानंद नगर, धमतरी ( छत्तीसगढ़ )
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
नया सूर्य है , वर्ष नया है, बहती ठंडी हवायें।
शुभ प्रभात की बेला में हम, सपने नये सजायें
सुंदर सकारात्मक भाव , नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ बधाई स्वीकारें आदरणीय अखिलेश जी
बहुत खूबसूरत गीत... हार्दिक बधाई आपको साथ में शुभकामनायें भी सादर
वाह अखिलेश जी बहुत ही खूबसूरत लिखा है
बहुत बहुत हार्दिक बधाई
और दुनिया जिसको नव वर्ष कहती है हालांकि मुझे ये नव वर्ष समझ में
नही आता है उसकी हार्दिक बधाई
बधाई तो दिल कि चीज है कोई दुनिया का दस्तूर थोड़े ही है
वो तो बस देते जाइये बेवज़ह बिना कारण भी ।
आदरणीय अखिलेश बहुत खूबसूरत गीत रचा है बधाई एवं नववर्ष की शुभकामनायें
नये वर्ष के अभिनंदन में, गीत नया हम गायें।
मंगल की सब करें कामना, मिलकर जश्न मनायें॥- वाह बहुत सुन्दर भाव रचना के लिए हार्दिक बधाई और नव वर्ष की आपको भी सपरिवार शुभ मंगल कामनाए श्री अखेलिश भाई
आदरणीय बड़े भाई , कहुत सुन्दर रचना की है आपने , लाजवाब ॥ बधाइयाँ ॥
धुंध, साथ में धूप खिली है, खुशबू भरी फिज़ायें।
द्वार, खिड़कियाँ सभी खोल दो, घर तक ये आ जायें॥ ------ खास के लिये खास बधाइयाँ ॥
aa.Akhilesh jee nav varsh ke avsar pr ati sundr aur bhaavpoorn kriti....is sundr srijan hetu haardik badhaaee aur navvarsh kee haardik shubhkaamnaayen
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