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भावपूर्ण दोहे रचे है भाई अविनाश जी, हार्दिक बधाई एवं नव वर्ष की मंगल कामनाए स्वीकारे |
कुछ दोहों में लयात्मकता की द्रष्टि से और सुधार हो सकता है जैसे -
नदिया पूरी बह गई ,शेष रह गई रेत ---- शेष रही अब रेत
बेहतरीन एक से बढ़कर एक दोहे आदरणीय अविनाश जी
आदरणीय अविनाश भाई , सुन्दर शिक्षा प्रद दोहों के लिये बधाइयाँ ॥
आपकी इस सुंदर प्रस्तुति पर सादर बधाई... |
आदरणीय अविनाश भाई , नया वर्ष आपके व पूरे परिवार के लिए मंगलदायी हो॥ दोहे में आपने देश समाज और सरकार को अच्छी सीख दी है, इस सामयिक रचना पर हार्दिक बधाई ॥... सप्रेम राधे-राधे।
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