For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नवगीत - नव वर्ष से है हम सबको। -- शशि पुरवार

नये वर्ष से है ,हम सबको
उम्मीदें कुछ खास

आँगन के बूढ़े बरगद की
झुकी हरिक डाली
मौसम घर का बदल गया ,

फिर
विवश हुआ माली
ठिठुर रहे है सर्द हवा में
भीगे से अहसास

दरक गये दरवाजे घर के
आंधी थी आयी
तिनका तिनका भी उजड़ गया
बेसुध है माई
जतन कर रही बूढी साँसे
आये कोई पास

चूँ चूँ करती नन्हीं चिड़िया
नयी जगह घबराय
दुनियाँ उसकी बदल गयी है
कौन उसे समझाय
ऊँची ऊँची अटारियों पे
सूनेपन का वास

नए वर्ष के आगमन का
पंछी गाते गीत
बागों की कलियाँ भी झूमे
भौरों का संगीत
नयी ताजगी ,नयी उमंगें
मन में है उल्लास
इस नये वर्ष से है सबको
उम्मीदें कुछ खास।

-- शशि पुरवार

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 762

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by coontee mukerji on January 2, 2014 at 9:34pm

अच्छी प्रस्तुति है, एक ही रचना  में अनेक स्थितियाँ एवं भावनाओं की हिल्लोरें..हार्दिक बधाई.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 2, 2014 at 8:49pm

आदरणीया शशि जी , सुन्दर नवगीत रचना के लिये आपको बधाइयाँ ॥ नये साल की भी हार्दिक बधाइयाँ ॥

Comment by MAHIMA SHREE on January 2, 2014 at 8:38pm

नयी ताजगी ,नयी उमंगें
मन में है उल्लास
इस नये वर्ष से है सबको
उम्मीदें कुछ खास।.... बहुत सुंदर गीत आदरणीया शशि जी हार्दिक बधाई आपको सादर /

Comment by vandana on January 2, 2014 at 6:57pm

ठिठुर रहे है सर्द हवा में
भीगे से अहसास...मार्मिक 

खूबसूरत एहसासों से भरी रचना.... सोचने पर मजबूर करती हुई| बधाई आदरणीया शशि जी 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 2, 2014 at 5:05pm

आदरणीया शशिजी , नया वर्ष आपके व पूरे परिवार के लिए मंगलदायी  हो॥ सुंदर रचना की हार्दिक बधाई ।

Comment by Shyam Narain Verma on January 2, 2014 at 4:29pm

नये साल की बहुत सारी शुभकामनायें ।

नववर्ष पर सुंदर सकारात्मक रचना हेतु बधाई स्वीकारें .........
Comment by M Vijish kumar on January 2, 2014 at 3:49pm

नववर्ष की हार्दिक बधाइयाँ  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
54 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
56 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
5 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
8 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service