कह मुकरियां
1.
श्याम रंग तुम्हरो लुभाये ।
रखू नैन मे तुझे छुपाये ।
नयनन पर छाये जस बादल ।
क्या सखि साजन ? ना सखि काजल ।
2.
मेरे सिर पर हाथ पसारे
प्रेम दिखा वह बाल सवारे ।
कभी करे ना वह तो पंगा ।
क्या सखि साजन ? ना सखि कंघा
3.
उनके वादे सारे झूठे ।
बोल बोले वह कितने मिठे ।
इसी बल पर बनते विजेता ।
क्या सखि साजन ? ना सखि नेता ।।
4.
बाहर से सदा रूखा दिखता ।
भीतर मुलायम हृदय रखता ।।
ईश्वर भी हो जाये कायल ।
क्या सखि साजन ? न सखि नारियल ।।
5.
हमेशा मेरे साथ रहते ।
बात सदा करने को कहते ।
उनसे बाते कर करू स्माइल ।
क्या सखि साजन ? ना मोबाइल ।।
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मौलिक अप्रकाशित
Comment
इस प्रयास के लिए बधाई. सुझावों पर ध्यान दें आदरणीय.
सादर
कहमुकरियों पर उत्साह में आपको प्रयास करते देखना अच्छा लगा
मात्रिकता और गेयता दोनों पर और ध्यान देने की ज़रुरत है, साथ ही मूल शब्दों को सुविधानिसार तोड़ मोड़ कर छंदों में प्रयोग नहीं करना चाहिए जैसे मिठे तुम्हरो ..आदि
शुभकामनाएं
अच्छा प्रयास है कह-मुकरियों पर भाई जी! आपको हार्दिक बधाई!
बहुत सुंदर कह-मुकरियाँ , मन को छू गई बधाई आदरणीय रमेश जी
भाई रमेश जी कहमुकरियों पर प्रयास अच्छा है शुभकामनायें
जी "मिठे" में वर्तनीय दोष का मै अपराधी हू, क्षमा चाहता हू । यहां संशोधन की क्या प्रक्रिया है ?
आदरणीय रमेश भाई , श्याम = 3 / रंग = 3 /तुम्हरो = 4 /लुभाये = 5 , इस पंक्ति मे मात्रा 15 हैं ,
बोल बोले वह कितने मिठे , इस पंक्ति मे शब्द मीठे को आपने मिठे कर दिया है , शब्द को सही करने से मात्रा 17 हो जायेगी -
इसे , बात करे वो मीठे मीठे किया जा सकता है या जैसा आप सोचें ॥
हाथ पसारे , इस कहावत का उपयोग भी सही अर्थों मे नही हो पाया है , इसका अर्थ मांगना के अर्थ मे किया जाता है , और कोई अर्थ हो तो मुझे नही मालूम , इसे भी देख लीजियेगा ॥
सुन्दर प्रयास भाई
आदरणीय पाठकजी एवं गिरिराजजी, मनोबल बढाने के लिये सादर आभार ।
आदरणीयगिरिराजजी त्रुटि के प्रति आगाह करने के लिये सादर धन्यवाद, निवेदन यह कि मै दुबारा मात्राओं का गणना करके देखा किंतु मै त्रुटि पकड नही पाया शायद कहीं पर मुझसे चूक हो रही हो कृपया स्पष्ट कर देते तो अनुग्रह होता ।
आदरणीय रमेश भाई , मुकरियाँ का सुन्दर प्रयास हुआ है , आपको बधाई !! एक दो स्थान के मात्रा मे ग़डबड़ी है शायद , गिन के देख लीजियेगा ॥
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