आज मजलूम को सताओगे
बददुआ सात जन्म पाओगे
बह्र ग़ालिब की खूब लिख डालो
दिले-ग़ालिब कहाँ से लाओगे
खुद को भगवान मान बैठेगा
हद से ज्यादा जो सिर झुकाओगे
आज साहब बने हो रैली में
कल तुम्हीं झुनझुना बजाओगे
खूब खोजी बने थे हाकिम के
अब हुनर जेल में दिखाओगे
अमित दुबे मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आप सभी सुधीजनों का ग़ज़ल अनुमोदन हेतु ह्रदय से आभार
आखीरी शेर पर और समय दिया जाता .. अन्य अश’आर के लिए बधाई
बहुत सुन्दर ग़ज़ल हुई है आ० अमित जी
बह्र ग़ालिब की खूब लिख डालो
दिले-ग़ालिब कहाँ से लाओगे...................वाह !
आज साहब बने हो रैली में
कल तुम्हीं झुनझुना बजाओगे................येभी बहुत बढ़िया
इस सुन्दर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई प्रेषित है
वाह कमाल की ग़ज़ल ..आनंद आ अगया ..अमित जी तहे दिल बधाई स्वीकार करें ..सादर
आदरणीय अमित भाई , सुन्दर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाइ.
बहुत सुन्दर गज़ल .................. |
waqt -e- halaat pe khoobsoorat gazal kahi hai ....
बहुत सुन्दर ग़ज़ल! आपको हार्दिक बधाई!
खुद को भगवन मान बैठेगा
हद से ज्यादा जो सिर झुकाओगे...........वाह! कटु सत्य लिए हुए
हार्दिक बधाई आदरणीय अमित जी
आदरणीय अमित भाई , एक अच्छी ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाइ.
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