चाँदी के रथ पे सवार लिए जीवन नवल
चिर प्रीतम संग चंद्रिका आयी धवल ..............
प्रिय सखी निशा संग
भरती किलकारियाँ
गगन से धरा तक
करती अठखेलियाँ
रूप किशोरी सी चंद्रिका आयी धवल .........
शशि प्रियतम संग
चमचम सितारों वाली
श्याम चुनरिया ओढ़े
धीरे धीरे दबे पाँव
प्रिय सुंदरी सी चंद्रिका आयी धवल ................
दुग्ध अभिसिंचित हये
सभी तरुवर तड़ाग
मुसकुराती बलखाती
ममता से दुलारती
माँ सी चंद्रिका आयी धवल ....................
रागिनी सुनाती राग
कलरव करता विहाग
नीरवता का आवरण
तम बंधनों को तोड़ती
सुर सुंदरी सी चंद्रिका आयी धवल ..................
निशा थक कर जाने लगी
उषा भी आने आने लगी
गीत मिलन के गाने लगी
पुनर्मिलन की अभिलाषा मे
चिर प्रीतम संग चंद्रिका चली धवल ......................
चाँदी के रथ पे सवार लिए जीवन नवल
चिर प्रीतम संग चंद्रिका आयी धवल ..............
अप्रकाशित एवं मौलिक
Comment
आपका हार्दिक आभार आ0 वंदना जी ।
बहुत सुन्दर रचना आदरणीया ...बधाई
आदरणीय कुशवाहा जी , कल्पना जी , जितेंद्र जी , बृजेश जी , नीरज नीर जी , एवं मीना दी आप सभी को रचना पर समय देने के लिए एवं रचना पसंद करने के लिए हार्दिक आभार ।
दुग्ध अभिसिंचित हये
सभी तरुवर तड़ाग
मुसकुराती बलखाती
ममता से दुलारती
माँ सी चंद्रिका आयी धवल ...वाह बहुत ही अन्यतम रचना .. सुन्दर सृजन के लिए बहुत बधाई ..
सुन्दर रचना! आपको हार्दिक आभार!
बहुत सुंदर भावपूर्ण गीत, बधाई आदरणीया अन्नपूर्णाजी
चाँदी के रथ पे सवार लिए जीवन नवल
चिर प्रीतम संग चंद्रिका आयी धवल ......
अति सुन्दर बधाई सादर
अदरणीया अंजू दी आप ने चाँद की चाँदनी को बहुत अच्छा रूप दिया है ।बहुत बहुत बधाई आपको /सादर
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