For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आयी चंद्रिका धवल..............( अन्नपूर्णा बाजपेई )

चाँदी के रथ पे सवार लिए जीवन नवल 

चिर प्रीतम संग चंद्रिका आयी धवल .............. 

प्रिय सखी निशा संग 

भरती किलकारियाँ 

गगन से धरा तक 

करती अठखेलियाँ 

रूप किशोरी सी चंद्रिका आयी धवल .........

शशि प्रियतम संग

चमचम सितारों वाली 

श्याम चुनरिया ओढ़े  

धीरे धीरे दबे पाँव 

प्रिय सुंदरी सी चंद्रिका आयी धवल ................ 

दुग्ध अभिसिंचित हये 

सभी तरुवर तड़ाग 

मुसकुराती बलखाती

ममता से दुलारती 

माँ  सी चंद्रिका आयी  धवल .................... 

रागिनी सुनाती राग 

कलरव करता विहाग 

नीरवता का आवरण 

तम बंधनों को तोड़ती

सुर सुंदरी सी चंद्रिका आयी धवल .................. 

निशा थक कर जाने लगी 

उषा भी आने आने लगी 

गीत मिलन के गाने लगी 

पुनर्मिलन की अभिलाषा मे 

चिर प्रीतम संग चंद्रिका चली धवल ...................... 

चाँदी के रथ पे सवार लिए जीवन नवल 

चिर प्रीतम संग चंद्रिका आयी धवल .............. 

अप्रकाशित एवं मौलिक 

Views: 594

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by annapurna bajpai on March 3, 2014 at 2:56pm

आपका हार्दिक आभार आ0 वंदना जी । 

Comment by vandana on March 3, 2014 at 6:30am

बहुत सुन्दर रचना आदरणीया ...बधाई 

Comment by annapurna bajpai on March 2, 2014 at 11:26pm

आदरणीय कुशवाहा जी , कल्पना जी , जितेंद्र जी , बृजेश जी , नीरज नीर जी , एवं मीना दी आप सभी को रचना पर समय देने के लिए एवं रचना पसंद करने के लिए हार्दिक आभार । 

Comment by Meena Pathak on March 2, 2014 at 1:04pm
Bahut sundar, Badhai
Comment by Neeraj Neer on March 2, 2014 at 1:02pm

दुग्ध अभिसिंचित हये 

सभी तरुवर तड़ाग 

मुसकुराती बलखाती

ममता से दुलारती 

माँ  सी चंद्रिका आयी  धवल ...वाह बहुत ही अन्यतम रचना .. सुन्दर सृजन के लिए बहुत बधाई ..

Comment by बृजेश नीरज on March 2, 2014 at 12:53pm

सुन्दर रचना! आपको हार्दिक आभार!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 2, 2014 at 2:01am

बहुत सुंदर भावपूर्ण गीत, बधाई आदरणीया अन्नपूर्णाजी

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 1, 2014 at 9:03pm

चाँदी के रथ पे सवार लिए जीवन नवल 

चिर प्रीतम संग चंद्रिका आयी धवल ......

अति सुन्दर बधाई सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on February 28, 2014 at 4:05pm

अदरणीया अंजू दी आप ने चाँद की चाँदनी को बहुत अच्छा रूप दिया है ।बहुत बहुत बधाई आपको /सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागाअर्थ प्रेम का है इस जग मेंआँसू और जुदाईआह बुरा हो कृष्ण…See More
Thursday
Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
Thursday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
May 31
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
May 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service