आ रे कारे बादर
रँग बरसाने आ रे
श्याम खेलें होरी
तू बरसाने आ रे
रँग अलग अलग भर ला
लाल, बैंगनी, पीला
कोई बच ना जाए
सबको कर दे गीला
खुशियों की बारिश में
तू भिंगाने आ रे
इन्द्रधनुष से रँग ला
त्याग उदासी काली
उल्लसित जीवन, डाल
मुख पे उमंग लाली ..
जो उदास है जग में
उन्हें हँसाने आ रे
हाथों में पिचकारी
गाल पे रंग गुलाल
सब मिल खेलें होरी
अंचल धरा का लाल
जीवन में खुशियाँ भर
हर्ष जगाने आ रे
श्याम भींगे सर्वांग
गोपियाँ राधा संग
अंग उल्लास निखरे
रँग, रँग, हर एक अंग .
रँग ना छूटे पाए
ऐसो रंग लगा रे.
... नीरज कुमार नीर
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय प्रदीप कुमार शुक्ल साहब आपका हार्दिक आभार ..
आपका हार्दिक आभार लक्ष्मण धामी साहब ..
आपका हार्दिक आभार आदरणीय Laxman Prasad Ladiwala साहब.
हाथों में पिचकारी
गाल पे रंग गुलाल
सब मिल खेलें होरी
अंचल धरा का लाल
जीवन में खुशियाँ भर
हर्ष जगाने आ रे
आदरणीय नीरज भाई सुंदर होली गीत के लिए बधाई
sundar holi geet Neeraj ji, badhai
सुन्दर प्रस्तुति | बधाई
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