1 अप्रैल 2014 को ओबीओ की चौथी वर्षगाँठ है। चार वर्षो में इस मंच ने मुझ जैसे सैकड़ों लेखको को तैयार किया है | इस अवसर पर दोहों के रूप में सभी सदस्यों में सहर्ष पुष्प समर्पित है ।-
मना रहे सब साथ में, उत्सव देखो आज
चार वर्ष कर पूर्ण ये, बना खूब सरताज |
बागी की ही सोच से, बिछ पाया यह साज
योगराज के यत्न से, सुन्दर होता ताज |
काव्य विधा को सीखते, विद्वजनों के साथ
सच्चे मन से साधते, नव अंकुर का हाथ |
सौरभ सी खुशबू मिले, रंगत भरी सुगंध
सीख-सीख सब रच रहे, सुंदर ललित निबंध |
सबके मन खिलते यहाँ, प्रेम प्रीति के रंग
काव्य विधा को सीखने, करते सब सत्संग |
काव्य गजल या गीत को, पढ़ते है सब साथ
छंद रचे मन भाव से, मिले साथ का हाथ |
प्राची में नित भौर ही, रंगत भरी सुगंध
रचते मन के भाव से, सुन्दर ललित निबंध |
संस्कृति का आदर करे, यह इसका आधार
नव अंकुर को फूटने, करते सद्व्यवहार |
ओबीओ परिवार में, है खुशियों का राज
ई-पत्रक में मंच पर, शीघ्र बना सरताज |
दूर देश से जुड़ रहे, नित बढ़ता आकार,
छंद मुक्त की काव्य में, बहती रहे बयार ।
(मौलिक व् अप्रकाशित)
- लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर
Comment
जिस पटल पर मैंने काव्य रचना करना सीखी है, उस मंच के प्रति और उस मंच के उन पुरोधा/साहित्य मर्मग्य के प्रति ह्रदय में अगाध श्रधा भाव है आदरणीया कांता रोय जी | मुझ जैसा अनाडी को तो यहाँ 65 वर्ष के उम्र बाद भी खिलाड़ी बनाने का यह कह कर प्रयास किया की सीखने की कोई उम्र नहीं होती |आप पुरानी रचनाओं तक को खंगाल कर पढ़ रही है ये आपमें सीखने की ललक को दर्शाती है | आपको रचना पढ़कर सराहने के लिए हादिक बधाई एवं शुभ कामनाएं |
सादर आभार आदरणीय श्री सौरभ जी
आदरणीय आपकी शुभकामनाएँ हमने भी दिल से स्वीकारीं.. .
सादर
ओबीओ वर्षगाँठ पर बधाई आपको श्री आशीष नैथानी सलिल जी
ओ.बी.ओ. की वर्षगाँठ पर सुन्दर दोहावली आदरणीय लक्ष्मण जी !
ओबीओ की चतुर्थ वर्षगाँठ के बधाई के साथ ही दोहे पसंद करने के लिए हार्दिक आभार श्री केवल प्रसाद जी
ओबीओ की प्रसंसा नहीं, ओबीओ से जो मिला उसके और उसमे विद्वजनों से मिले सहयोग के प्रति आबार स्वरूप ये दोहे
रचे है भाई श्री अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी | दोहे सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार
ओबीओ वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई भाई लक्ष्मण धामी जी | दोहे पसंद करने के लिए हार्दिक आभार
ओबीओ की वर्षगाँठ पर रचित दोहे सराहने के लिए हार्दिक आभार के साथ ही इन वर्षों में आपकी भागीदारी के लिए बधाई
आदरणीया कल्पना रामानी जी और अन्नपूर्णा बाजपाई जी | सादर
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