For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेटियाँ होंगी न जब /गजल/कल्पना रामानी

212221222122212

गर्भ में ही निज सुता की, काटकर तुम नाल माँ!

दुग्ध-भीगा शुभ्र आँचल, मत करो यूँ लाल माँ!

 

तुम दया, ममता की देवी, तुम दुआ संतान की,

जन्म दो जननी! न बनना, ढोंगियों की ढाल माँ!

 

मैं तो हूँ बुलबुल तुम्हारे, प्रेम के ही बाग की,

चाहती हूँ एक छोटी सी सुरक्षित डाल माँ!

 

पुत्र की चाहत में तुम अपमान निज करती हो क्यों?

धारिणी, जागो! समझ लो भेड़ियों की चाल माँ!

 

सिर उठाएँ जो असुर, उनको सिखाना वो सबक,

भूल जाएँ कंस कातिल, आसुरी सुर ताल माँ!

 

तुम सबल हो, आज यह साबित करो नव-शक्ति बन,

कर न पाएँ कापुरुष, ज्यों मेरा बाँका बाल माँ!

 

ठान लेना जीतनी है, जंग ये हर हाल में,         

खंग बनकर काट देना, हार का हर जाल माँ!

 

तान चलना माथ, नन्हाँ हाथ मेरा थामकर,

दर्प से दमका करे ज्यों, भारती का भाल माँ!

 

“कल्पना” अंजाम सोचो, बेटियाँ होंगी न जब,

रूप कितना सृष्टि का, हो जाएगा विकराल माँ!

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 937

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कल्पना रामानी on April 24, 2014 at 11:13pm

आदरणीया प्राची जी, आपकी प्रशंसा पाना मेरे लिए पुरस्कार जैसा है। बहुत बहुत धन्यवाद आपका

Comment by कल्पना रामानी on April 24, 2014 at 11:11pm

आदरणीय रमेश जी, प्रोत्साहित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद

Comment by कल्पना रामानी on April 24, 2014 at 11:11pm

आदरणीय भुवन जी, सराहना भरे शब्दों के लिए आपका हार्दिक आभार

Comment by कल्पना रामानी on April 24, 2014 at 11:09pm

प्रिय बृजेश जी, रचना पर आपकी उपस्थिति  से अपार हर्ष हुआ। आपका हृदय से धन्यवाद


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 23, 2014 at 11:15pm

आदरणीया कल्पना जी 

आपकी इस ग़ज़ल की जितनी भी तारीफ़ करूँ कम ही होगी... 

हर कहन जिस संवेदना के साथ शेर में ढला है...बस झकझोर दिया 

बहुत खूबसूरत ..लाजवाब 

Comment by रमेश कुमार चौहान on April 19, 2014 at 11:00am

अहह अति सुंदर मन मुग्ध हो गया भाव एंव शब्द दोनो अतुल्य । बारबार पढ़ने का मन कर रहा है । कोटिस बधाई आदरणीया

Comment by भुवन निस्तेज on April 18, 2014 at 10:59pm

लाजवाब..आदरणीया कृपया बधाई स्वीकारें ...

Comment by बृजेश नीरज on April 18, 2014 at 9:13am

वाह! वाह! बहुत ही सुंदरा ग़ज़ल!

विषय को जिस आक्रमकता के साथ आपने प्रस्तुत किया है, वह समय की मांग भी है और आवश्यक भी है!

इस लाजवाब ग़ज़ल के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई!

Comment by कल्पना रामानी on April 17, 2014 at 8:14pm

आदरणीय गिरिराज जी, आत्मीय टिप्पणी के लिए मन से आभार

Comment by कल्पना रामानी on April 17, 2014 at 8:13pm

आदरणीय धर्मेन्द्र आपकी प्रशंसा पाकर बहुत हर्ष हुआ। सादर धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service