For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गंगा हमारी


भव ताप हारक, पाप नाशक, धरा उतरी गंग।

निर्मल प्रवाहित, प्रेम सरसित, करे मन जल चंग।।

सुंदर मनोरम, घाट उत्तम, देख कर मन दंग।

शिव हरि उपासक, साधु साधक, जपे सुर मुनि संग।१।

 

अति सलिल पावन, सार जीवन, बसे जिसमे प्रान। 

बल बुद्धि दायक, रोग हारक, सुधा इसको मान ।।

सब सुख प्रदायक, मोक्ष दायक, गुणों की यह खान।

फिर हो न दूषित, नीर कलुषित, रखें इतना ध्यान।२।  

 

ममता समेटे, दोष मेटे, करे तन - मन शुद्ध ।

सुरसरित ध्यायें, ज्ञान बांटें, बने मानस बुद्ध ।।

गंगा हमारी, माँ दुलारी, रहे मन अभिमान।   

गंगा बचाओ, मुक्ति पाओ, यही हो अभियान ।३।

 

-मौलिक व अप्रकाशित

Views: 649

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kanta roy on October 8, 2015 at 8:35am

ममता समेटे, दोष मेटे, करे तन - मन शुद्ध ।
सुरसरित ध्यायें, ज्ञान बांटें, बने मानस बुद्ध ।।
गंगा हमारी, माँ दुलारी, रहे मन अभिमान।
गंगा बचाओ, मुक्ति पाओ, यही हो अभियान ----- बहुत सुन्दर ये गंगा का अभिमान है। इस सुन्दर चाँद के लिए बधाई स्वीकार करें आदरणीय सत्यनारायण जी ।

Comment by Satyanarayan Singh on May 14, 2014 at 8:14pm

परम आ. सौरभ जी सादर, 

        काव्यसाधना के दृष्टी से ऐसे उन्नतशील विचारों/सुझावों  की  नितांत आवश्यकता होती है जो काव्य शिल्प को निखारने में उपयोगी हों अतएव आपके ऐसे हर सुझावों/विचारों का स्वागत है आदरणीय जो अन्यत्र दुर्लभ है.  भविष्य में भी मुझे सदैव आपके मार्गदर्शन की  प्रतीक्षा रहेगी आदरणीय सादर. धन्यवाद. 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 14, 2014 at 4:58pm

सुंदर मनोरम, घाट उत्तम, भये लखि मन दंग - सुंदर मनोरम, घाट उत्तम, देख कर मन दंग
रचना की भाषा में एकरूपता बनी रहे तो यह अधिक संयत रचनाकर्म होगा.

गंगा हमारी, मात प्यारी, रहे मन अभिमान = गंगा हमारी, माँ दुलारी, रहे मन अभिमान
गंगा बचाओ, मुक्ति पाओ, यही हो अभियान = गंगा बचाओ, मुक्ति पाओ, हो यही अभियान

उपरोक्त व्यवस्था को पंक्तियों में सुधार न कह कर इसे मैं अपने विचार मात्र कह रहा हूँ.

कामरूप छन्द पर इस गहन अभ्यास के लिए हार्दिक बधाई और सादर शुभकामनाएँ, आदरणीय.
सादर

Comment by Satyanarayan Singh on May 12, 2014 at 9:27pm

रचना सराहने एवं बधाई हेतु आपका ह्रदय से आभार आदरणीया अन्नपूर्णा जी

Comment by Satyanarayan Singh on May 12, 2014 at 9:26pm

रचना सराहने एवं बधाई हेतु आपका ह्रदय से आभार आदरणीय अशोक रक्ताले जी

Comment by Satyanarayan Singh on May 12, 2014 at 9:26pm

रचना सराहने एवं बधाई हेतु आपका ह्रदय से आभार आदरणीया कुंती जी

Comment by Satyanarayan Singh on May 12, 2014 at 9:25pm

रचना सराहने एवं बधाई हेतु आपका ह्रदय से आभार आदरणीय सुरेन्द्र कुमार जी

Comment by Satyanarayan Singh on May 12, 2014 at 9:25pm

रचना सराहने एवं बधाई हेतु आपका ह्रदय से आभार आदरणीय डॉ आशुतोष जी

Comment by annapurna bajpai on May 2, 2014 at 11:42pm

वाह बहुत सुंदर काम रूप छंदो का सृजन किया है , आपको बहुत बधाई । 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 2, 2014 at 10:25pm

आदरणीय सत्यनारायण सिंह साहब सादर, पावन गंगा सरि पर रचे सुन्दर कामरूप छंदों पर सादर बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service