For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

२ २ १ १ / २ २ १ १ / २ २ १ २ / १ २  
भावों से पले शब्द तो वो छंद हो गए 
कान्हा जो रहे पाल बाबा नंद हो गए 
.
छूकर के गया कृष्ण तो ये मन भी कह उठा 
फूलों से मिले शूल तो मकरंद हो गए
.
आखों को लगे छू रहा है आज तन बदन  
दर्द ऐ दिल की आज तो वो रंद हो गए 
.
नफरत से भरे ज्ञान की दीवार को गिरा  
हर भोर ख़ुशी गा रही आनंद हो गए 
.
राधा से मिले कृष्ण अधर पे है बांसुरी 
फिर रास रचाने को रजामंद हो गए  
.
जख्मों पे दिए जख्म उन्हें पीर ना हुई   
जाने जो लगे हम तो फिकरमंद हो गए 
.
आशीष ( सागर सुमन ) 
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 811

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 29, 2014 at 8:00pm

कठिन काफ़िया को सफलता पूर्वक निभा जाना ही इस ग़ज़ल की खूबसूरती है, ग़ज़ल अच्छी लगी, बधाई स्वीकार करें आदरणीय आशीष जी।

Comment by Pradeep Rai on June 25, 2014 at 11:21am
जख्मों पे दिए जख्म उन्हें पीर ना हुई   
जाने जो लगे हम तो फिकरमंद हो गए
Wah kya bat hai Ashis ji Dil bag bag ho gaya.
Comment by MAHIMA SHREE on June 14, 2014 at 9:51am

बहुत खूब .. हार्दिक बधाई

Comment by Maheshwari Kaneri on June 1, 2014 at 7:57pm

  खूबसूरत गज़ल के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ 

Comment by Vindu Babu on May 27, 2014 at 11:12pm

अच्छी गज़ल कही है आपने। आपको हार्दिक बधाई।

सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 17, 2014 at 5:07pm

आदरणीय आशीष भाई , खूबसूरत गज़ल के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 17, 2014 at 2:05pm

आशीष जी इस बेहतरीन रचना के लिए तहे दिल बधाई सादर 

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 16, 2014 at 12:25pm

आशीष भाई बहुत उम्दा पेशकश यह अंदाज बहुत ही पसंद आया काफिया चुनाव बहुत ही शानदार मेरी ओर से बधाई प्रेषित है स्वीकार कीजिये.

दर्द ऐ दिल की आज तो वो रंद हो गए... इसकी तक्तीअ पुनः कर लीजिये.

Comment by Ashish Srivastava on May 15, 2014 at 2:17pm
Comment by Ashish Srivastava on May 15, 2014 at 2:17pm

Meena Pathak: Utsaah vardhan ke lilye shukria 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Saturday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service