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६ - हाइकु !

=======
१. 
लटकी लाशें 
जड़ ! पेड़ की जड़ें 
हुए तमाशे। 
२. 
सामंतवाद 
रक्षक ही भक्षक 
समाजवाद !
३. 
अदालत है 
रुके हुए फैसले 
अदावत है 
४. 
गुणात्मक हो 
रिश्तों की बुनावट 
भावात्मक हो 
५. 
चला चरखा 
जीवन की कताई 
चल चर खा 
६. 
साइलेन्स है 
ये ट्रैफिक पुलिस 
लाइसेंस है 
=============
अविनाश बागड़े ( मौलिक-अप्रकाशित )

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 6, 2014 at 11:59pm

आदरणीय अविनाशजी, हाइकु पर हुए प्रयास के लिए बधाइयाँ..

सादर

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 22, 2014 at 10:22am

बहुत बढ़िया हाइकू रचना, सभी आज को बताते हुए. बधाई आदरणीय अविनाश जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2014 at 12:43pm

बहुत सुन्दर हाइकु अविनाश जी सभी एक से बढ़कर एक बहुत -बहुत बधाई .

Comment by coontee mukerji on June 18, 2014 at 9:55pm

बहुत सुंदर..बधाई.

Comment by AVINASH S BAGDE on June 18, 2014 at 4:29pm

Meena Pathak mam...aabhar...

Comment by Meena Pathak on June 18, 2014 at 4:17pm

बहुत सुन्दर ...सादर बधाई 

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