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कोशिशों को भी आपका स्नेह मिलता है तो अच्छा लगता है ..आपके आशीष पा कर ग़ज़ल धन्य हुई आदरणीय , सादर प्रणाम !! स्नेह एवं मार्गदर्शन की अपेक्षा सदा रहती है आपसे !!
इस सार्थक ग़ज़ल के लिए भरपूर दाद और ढेर सारी बधाइयाँ .. ..
इस तरह पर कहा जाना अच्छा लगा.
शुभेच्छाएँ
हर शेर बहुत सामयिक और सार्थक हुआ है
बहुत बहुत बधाई आ० अभिनव अरुण जी
आदरणीय श्री Ram Awadh VIshwakarma जी बहुत शुक्रिया आभार आपका !1
एक रत्ती कम न ज़्यादा चाहिए |
मांगते हैं हक़ हमारा चाहिए |
कौन कहता है कि राजा चाहिए |
इस सियासत को पियादा चाहिए |
आयेंगे कब अच्छे दिन तू ही बता ,
कब तलक रखना भरोसा चाहिए |
शानदार मतला एवं सम्पूर्ण अच्छी गजल के लिये बधाई
आदरणीय श्री शिज्जू जी शुक्रिया आपने ग़ज़ल सराहा ग़ज़ल धन्य हुई !!
सादर अभिवादन आदरणीय श्री गिरिराज जी , आभार स्नेह मिलता रहे !!
आदरणीय श्री लक्षमण धामी जी सही कहा ध्यान रखा जायेगा ..आभार !!
आदरणीय श्री विजय जी आभार आपकी टिप्पणी मुझे जिम्मदारी का एहसास कराने के लिए पर्याप्त है ..उम्मीद है परिमार्जन परिश्रम से राह निकलेगी !!
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