For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तरही ग़ज़ल //अभिनव अरुण- बारिशों का ख्व़ाब था..

ग़ज़ल -

फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन

२१२२ २१२२ २१२२ २१२

 

मौत का आना है तय उससे बचा कोई नहीं |

काम आ पायेगी अब शायद दुआ कोई नहीं |

 

अब बुज़ुर्गों के लिए रोटी दवा दालान में ,

घर के लोगों का अब उनसे वास्ता कोई नहीं |

 

है पते वालों की ख़ातिर आपकी हर योजना ,

वो कहाँ जाएँ कहो जिनका पता कोई नहीं |

 

कौन अब ताउम्र जीता है किसी के वास्ते ,

इश्क़ फरमाते हैं सब पर बावफ़ा कोई नहीं |

 

मुल्क की गठरी नहीं इस रास्ते महफ़ूज़ है ,

राहजन चारों तरफ हैं रहनुमा कोई नहीं |

 

सत्य का परचम लिए तनहा डटा मैदान में ,

मेरे पीछे तो यहाँ अब तक चला कोई नहीं |

 

देखिये मंचों पे उनको पहली सफ़ में बैठते

जिनकी ग़ज़लों में रदीफ़ों काफ़िया कोई नहीं |

 

बंद कमरों की सियासत उनको ले डूबी मियाँ ,

बारिशों का ख्व़ाब था छाई घटा कोई नहीं |

* सर्वथा मौलिक अप्रकाशित .

- अभिनव अरुण .

Views: 850

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on July 7, 2014 at 2:15pm

आपके आशीष पा कर ग़ज़ल धन्य  हुई आदरणीय , सादर प्रणाम !! स्नेह एवं मार्गदर्शन की अपेक्षा सदा रहती है आपसे !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 7, 2014 at 2:49am

वाह !  इन शेरों पर दाद देने में ’कमाल’ शब्द भी कमतर होगा -

मौत का आना है तय उससे बचा कोई नहीं |

काम आ पायेगी अब शायद दुआ कोई नहीं |

 

अब बुज़ुर्गों के लिए रोटी दवा दालान में ,

घर के लोगों का अब उनसे वास्ता कोई नहीं |

 

है पते वालों की ख़ातिर आपकी हर योजना ,

वो कहाँ जाएँ कहो जिनका पता कोई नहीं |

लेकिन निम्न शेर सामने से क्या गुजरा, मैं बह गया -

बंद कमरों की सियासत उनको ले डूबी मियाँ ,

बारिशों का ख्व़ाब था छाई घटा कोई नहीं | ..

तल्ख़ किन्तु यही सच है !

Comment by Abhinav Arun on June 26, 2014 at 4:48pm
आभार आदरणीय श्री गुमनाम जी !
Comment by gumnaam pithoragarhi on June 26, 2014 at 11:07am

सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई,,,,,,,,,,,,,,,,,,बहुत सुंदर.,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

Comment by Abhinav Arun on June 26, 2014 at 8:57am

आदरणीय श्री सुशील जी एवं डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव  तहे दिल से आभार आप सबका रचना सार्थक हुई !!

Comment by Abhinav Arun on June 26, 2014 at 8:55am

आदरणीया राजेश कुमारी जी उत्साहवर्धन एवं अनुमोदन के लिए तहे दिल से शुक्रिया आपका !!

Comment by Abhinav Arun on June 26, 2014 at 8:54am

आदरणीया कुंती जी बहुत शुक्रिया बहुत आभार , जी अवश्य साहित्य और सच ही मेरी पटरियां हैं और ज़िन्दगी रेल ...

Comment by Abhinav Arun on June 26, 2014 at 8:53am

आदरणीय श्री नादिर जी हार्दिक रूप से धन्यवाद ये अशार मेरे भी पसंदीदा है ..शुक्रिया !!

Comment by नादिर ख़ान on June 25, 2014 at 11:09pm

है पते वालों की ख़ातिर आपकी हर योजना ,

वो कहाँ जाएँ कहो जिनका पता कोई नहीं |

 

कौन अब ताउम्र जीता है किसी के वास्ते ,

इश्क़ फरमाते हैं सब पर बावफ़ा कोई नहीं |

आदरणीय अभिनव जी शानदार गज़ल के लिए ढेरों शुभकामनायें ....सभी शेर पसंद आए 

Comment by Abhinav Arun on June 25, 2014 at 9:14pm
आ.डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी ह्रदय से आभार आपके आशीष पा धन्य हुआ !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"बहुत बहुत आभार आ. सौरभ सर ..आप से हमेशा दाद उन्हीं शेरोन को मिलती है जिन पर मुझे दाद की अपेक्षा…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद और कामयाब अश'आर पर…"
22 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. शिज्जू भाई "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,आपको धुआ स्वीकार नहीं हैं तो यह आपका मसअला है. मैंने धुआँ क़ाफ़िया  प्रयोग में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल के फीचर किए जाने की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  छंदों की प्रशंसा और सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service