For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहे --मीना पाठक

हे भगवन वर दीजिए, रहे सुखी संसार |
घर परिवार समाज पे, बरसे कृपा अपार ||


दीन दुखी कोई न हो, ना सूखे की मार |
अम्बर बरसे प्रेम से, भरे अन्न भण्डार ||

कृपा करो हे शारदे, बढ़े कलम की धार |
अक्षर चमके दूर से, शब्द मिले भरमार ||

बेटी सदन की लक्ष्मी, मिले उसे सम्मान |
रोती जिस घर में बहू, होती विपत निधान ||

मीना पाठक 
मौलिक अप्रकाशित 

(दोहों पर एक छोटा सा प्रयास है )

Views: 843

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on July 12, 2014 at 6:34pm

आदरणीय सौरभ सर ..आदरणीया प्राची जी ..आदरणीय जवाहर लाल जी..आदरणीय गिरिराज जी व प्रिय वेदिका आप सभी का हृदय से आभार | आप सभी के मार्गदर्शन से दोहों की त्रुटियों को सुधारने का प्रयास कर रही हूँ | सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 7, 2014 at 3:48am

बहुत सुन्दर प्रयास हुआ है, आदरणीया. सुझावों को अवश्य हृदयंगम करें

सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 3, 2014 at 4:23pm

दोहा प्रयास पर हार्दिक बधाई आदरणीया मीना जी ... शिल्प पर टिप्पणियों में सार्थक सुझाव मिले हैं उनपर ध्यान अवश्य ही दें 

शुभकामनाएं 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 29, 2014 at 7:22pm

कृपा करो हे शारदे, बढ़े कलम की धार | 
अक्षर चमके दूर से, शब्द मिले भरमार ||

यह कृपा हम सब पर भी बरसे!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 29, 2014 at 10:41am

आदरनीया मीना जी , आपके दोहों मे सब के लिये मंगल कामना देख के बहुत अच्छा लगा । दोहावलि के लिये आपको बधाई ।

Comment by वेदिका on June 28, 2014 at 8:49pm

आपका प्रथम प्रयास तो बहुत प्रशंसनीय है दीदी! ढेरों बधाई इस सत्कर्म के लिए|

'सुक्ख' का प्रयोग तो सही नही है, जैसा कि आ० गोपाल जी भी कह चुके हैं| एवं उनके द्वारा बताया हुआ विकल्प "कृपा"  भी उत्तम है| 

सादर !! 

Comment by Meena Pathak on June 28, 2014 at 8:41pm

आदरणीय नादिर खान जी बहुत बहुत आभार | सादर 

Comment by Meena Pathak on June 28, 2014 at 8:40pm

आदरणीया कुन्ती दी .. आदरणीया  प्रग्या जी ..आदरणीय आशुतोष जी ..आदरणीय लक्ष्मण जी ..प्रिय जितेन्द्र जी आप सभी का हृदयतल से आभार | सादर 

Comment by Meena Pathak on June 28, 2014 at 8:37pm

आदरणीय गोपाल नारायण जी आप बेधड़क कहें , अन्यथा क्यों लूँगी ..आप के  सुझाव और मार्गदर्शन के बिना नहीं सीख सकूंगी .. बहुत बहुत आभार | सादर 

Comment by Meena Pathak on June 28, 2014 at 8:34pm

आदरणीय शिज्जू जी कृपया आप क्षमा ना मांगे मेरा मार्गदर्शन करें मुझे अच्छा लगेगा ,,आप सही कह रहे हैं .. ठीक करती हूँ मै ..त्रुटियों की तरफ़ इंगित करने हेतु बहुत बहुत आभार आप का | सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
22 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
22 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service