काम से थककर चूर पत्नी ने कमर पीड़ा से कराहते हुए दर्द भरे स्वर में कहा - ‘हाय रा s sम !’
बिस्तर पर लेटे –लेटे पति ने पत्नी की व्यथा सुनी, बुरा सा मुंह बनाया और जोर से आह भरी – ‘हाय सी s sता !'
[अप्रकाशित व् मौलिक]
Comment
मीना जी / आपने कथाके अभिप्रेतको समझा i आभारी हूँ i
नारी पीड़ा को दर्शाती सुन्दर लघुत्तम कहानी के लिए हार्दिक बधाई डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी
पहले तो पढ़ कर मुझे हँसी आ गई ..फिर पढ़ा तो बात समझ आई ..कितनी आसानी से पुरुष स्त्री की तकलीफ़ का मजाक बना देते हैं ..लघुकथा हेतु बधाई | सादर
आदरणीय निकोर जी
आपके प्रोत्साहन का आभारी हूँ i
लघुकथा में नारी की वेदना, समाज में उसकी स्थिति, को अच्छा दर्शाया है। हार्दिक बधाई, आदरणीय गोपाल नारायन जी।
महनीया
आपने इस चुटकुला व्यंजक कथा के लेखन का अभिप्रेत समझा i इसका मुझे हर्ष है i नारी वेदना को व्यक्ति हलके में लेता है , यही विद्रूप है i
जीतू जी
आपका हार्दिक आभार i
शिज्जू शकूर जी
आपका बहुत बहुत आभार i
आदरणीय बागी जी
आपकी टिप्पणी का स्वागत है विशेषकर इसलिए कि यह मुझे आगे के लेखन में सतर्क रखेगी i ऐसी टीप से ही सीखने को मिलता है i सादर i अनुग्रह के लिए पुनः धन्यवाद i
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