For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक बड़ा हादसा (लघुकथा)

फैक्ट्री में हुए एक भयानक हादसे में उसे अपनी दोनों टाँगे गंवानी पड़ गई, जबकि उसके तीन साथियों को जान से हाथ धोना पड़ा था.
"तुम्हें ठीक होनें में तो अभी बहुत समय लगेगा, जबकि एक महीने के बाद ही तुम्हारी रिटायरमेंट है। इसलिए मैनेजमेंट ने फैसला किया है कि तुम्हें एक महीना पहले ही रिटायर कर दिया जाए।”  उसका हाल चाल पूछने आए सहकर्मियों में से एक ने उसे सूचित किया
“चलो कोई बात नहीं यार, भगवान का शुकर मनायो कि जान बच गई।” दूसरे ने दिलासा देते हुए कहा. 
"हमारे उन तीन साथियों का क्या हुआ जिनकी मौत हो गई थी ?" उसने उदास स्वर में पूछा
"उन सब के बेटों को नौकरी दे दी गई है." उत्तर मिला 
कोने में बैठे अपने बेरोजगार बेटे और उसके तीन बच्चों को देख आज उसे अपने ज़िंदा बच जाने का बेहद अफ़सोस हो रहा था।
.
(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 650

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 18, 2014 at 3:12pm

आजादी के 68 वर्ष बीतने पर भी बेरोजगारी का ये भयावाह स्वरुप कितना शर्मनाक है 

अंतिम पंक्ति जैसे हृदय पर किसी दंश सी चुभती है...."कोने में बैठे अपने बेरोजगार बेटे और उसके तीन बच्चों को देख आज उसे अपने ज़िंदा बच जाने का बेहद अफ़सोस हो रहा था।"    न तो बेटे को नौकरी मिल सकी और अब उस अपाहिज के रूप में एक और बोझ बेरोजगार बेटे के कन्धों पर 

समाज की सच्चाइयों को आईने की तरह प्रस्तुत करती आपकी लघुकथाएं प्रभावोत्पादक तरह से मन पर अपनी छाप छोड़ने में सक्षम होती हैं 

हार्दिक बधाई इस लघुकथा पर आ० रवि प्रभाकर जी 

Comment by Ravi Prabhakar on August 18, 2014 at 2:27pm

श्रद्धेय सौरव भाई जी,
लघुकथा के अनुमोदन के लिए धन्यवाद। आपकी बधाई किसी पुरस्कार से कम नहीं होती। स्नेह बनाए रखिएगा।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 17, 2014 at 4:45pm

//कोने में बैठे अपने बेरोजगार बेटे और उसके तीन बच्चों को देख आज उसे अपने ज़िंदा बच जाने का बेहद अफ़सोस हो रहा था। //

एक उत्तरदायी पालक ही अपने जीवन को ’जीने की’ ऐसी कसौटियों पर किसी इकाई की तरह रख सकता है. 

इस प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई, अनुज रविभाई

Comment by Ravi Prabhakar on August 15, 2014 at 2:32pm

आदरणीय आशीष भाई,
लघुकथा के मर्म को समझने व सराहने हेतु धन्यवाद।

Comment by Ravi Prabhakar on August 15, 2014 at 2:31pm

आदरणीय मीना पाठक जी, राम शिरोमणी पाठक जी व अन्नपूर्णा जी !
लघुकथा पर आपकी उपस्थिती हेतु सादर धन्यवाद।

Comment by Ravi Prabhakar on August 15, 2014 at 2:30pm

प्रिय मित्र जितेन्द्र जी,
मैं तो आपकी लघुकथाओं का प्रशंसक हूं। आपकी उपस्थिती मानो नए रक्त का संचार करती है। धन्यवाद।

Comment by Ravi Prabhakar on August 15, 2014 at 2:27pm

आदरणीय शुभ्रांशु भाई,
रचना पर आपकी उपस्थिती उर्जावान कर देती है। आप जैसे संवेदनशील रचनाकार की सार्थक प्रतिक्रिया बहुत बल प्रदान करती है। धन्यवाद।

Comment by Ravi Prabhakar on August 15, 2014 at 2:25pm

आदरणीय विजय शंकर जी,
सादर। जब आप सरीखे महानुभाव रचना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं तो मरूथल में मीठी झील के शीतल नीर की प्राप्ति सा अनुभव होता है। स्नेह बनाए रखें।

Comment by Ravi Prabhakar on August 15, 2014 at 2:23pm

आदरणीय राजेश दी,
नमस्कार। लघुकथा पर आपकी उपस्थिती व टिप्पणी हेतु धन्यवाद।
भविष्य में भी आपका मार्गदर्शन मिलता रहे....

Comment by Ravi Prabhakar on August 15, 2014 at 2:20pm

आदरणीय गोपाल जी,
लघुकथा पर आपकी उपस्थिती से मन अत्यंत हर्षित है। स्नेह बनाए रखें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। जो…"
2 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
16 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
39 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
43 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service