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ताप प्रचण्ड
उफनाई नदियाँ
तपता भादों |

पथिक भूला
अंतर्मन व्यथित
तिमिर घना |

पथ ना सूझे
पिए नित गरल
कंठ भुजंग |

अल्हड़ नदी
मदमस्त लहरें
नईया डोले |

भजन राम
बसे छवि मन में
नित निहारू |

मनमोहिनी
चंदा सा मुख देख
खुशी मन में |
 
मीना पाठक 
मौलिक /अप्रकाशित 

Views: 662

Comment

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 24, 2014 at 10:21am

आ० मीना बहन सभी हाइकू बेहतरीन हैं हार्दिक बधाई .

Comment by kalpna mishra bajpai on August 23, 2014 at 11:46pm

मीना दी,बहुत बधाई( हाइकू)के लिए /सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 23, 2014 at 7:45pm

सभी हाइकु के लिए बधाई आदरणीया मीनाजी.

सादर

Comment by savitamishra on August 23, 2014 at 6:28pm

सुंदर हायकु

Comment by Shyam Narain Verma on August 23, 2014 at 4:06pm
" सुंदर रचना के लिए बहुत बधाई सादर............. "

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