जीते जी जिन्दगी खत्म नहीं होती
सिर्फ एक अध्याय खत्म होता है
जब तक एक भी साँस है
हौसले हैं
तब तक रास्ते हैं
कहीं भी, किसी पल
किसी भी मोड़ पर
नई शुरूआत हो सकती है
मिटा देता है वक्त गुज़रते-गुज़रते
पुरानी लिखावट को
और एक कोरा पन्ना छोड़ जाता है
आते-आते
वही वक्त एक और मौका देता है
कि उसी कोरे पन्ने पर
फिर अपनी ज़िन्दगी लिखें
फिर शुरूआत करें
(मौलिक व अप्रकाशित )
Comment
आदरणीय डॉ. विजयशंकर सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने मेरी रचना को मान दिया स्नेह बनाये रखें
आदरणीय गोपाल नारायण सर रचना की सराहना के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया
आदरणीय हरिवल्लभ सर रचना को समय देने के लिये आपका तहेदिल से शुक्रिया स्नेह बनाये रखें
आदरणीय गणेश जी बहुत बहुत शुक्रिया, आपके अनुमोदन से हौसला बढ़ा है स्नेह बनाये रखें
आदरणीय खुर्शीद जी रचना को मान देने के लिये आपका हार्दिक आभार
जब तक एक भी साँस है
हौसले हैं
तब तक रास्ते हैं
कहीं भी, किसी पल
किसी भी मोड़ पर
नई शुरूआत हो सके -----------------------बेहतरीन शिज्जू भाई i
पुराने लेख मिट जाते है नविन पृष्ट जुड़ जाते हैं...बहुत सटीक कथ्य के साथ सार्थक अतुकांत रचना हेतु बधाई आपको, आदरणीयशिज्जू 'शकूर' साहब.
जिंदगी को देखने का एक सकरात्मक नजरिया, कविता सन्देश छोड़ने में सफल है अर्थात कवि अपने उद्देश्य में सफल हुआ, बधाई आदरणीय शिज्जु भाई।
मिटा देता है वक्त गुज़रते-गुज़रते
पुरानी लिखावट को
और एक कोरा पन्ना छोड़ जाता है
आदरणीय शकूर सा. अच्छी आशावादी रचना है |सादर अभिनन्दन
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