For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मोक्ष की अभिलाषा

मोक्ष की अभिलाषा

क्या मेरा जीवन निर्धारण
करेगी मेरी जन्म कुंडली
कर्म बंधेगा नव ग्रहों से
होगा भाग्य चक्र निर्धारित इनसे
मुझे नहीं जिज्ञासा
क्या लिख चुका
क्या लिख रहा विधाता
मैं अनंत का पंछी
मुझे नहीं मोक्ष की अभिलाषा

© हरि प्रकाश दुबे
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 904

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on November 12, 2014 at 9:54am

 आपका हार्दिक आभार आदरणीय गिरिराज भंडारी' जी

Comment by Hari Prakash Dubey on November 12, 2014 at 9:50am

आदरणीय  डा. प्राची सिंह जी प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 12, 2014 at 9:27am

अनंत के पंछी के लिए तो मोक्ष की अभिलाषा भी एक बंधन ही है.... उसे तो बस उड़ना है उन्मुक्त, हर पल, भूत भविष्य के लेखे जोखे से परे

.......बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बहुत कम शब्दों में सान्द्र्तम कथ्य को बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया है आदरणीय हरिप्रकाश दूबे जी 

हार्दिक बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 11, 2014 at 9:16am

बहुत सुन्दर ! दिली बधाइयाँ ।

Comment by Hari Prakash Dubey on November 10, 2014 at 7:53pm

आदरणीय श्री गणेश जी , श्री डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी ,श्री राम शिरोमणि पाठक जी ,श्री सोमेश कुमार जी ,श्री राहुल डांगी जी,  श्री  जितेन्द्र पस्टारिया जी, श्री योगराज प्रभाकर, सुश्री पूजा जी ,श्री विजय निकोर जी एवं  श्रीयुत श्री सुनील जी आप सभी का सादर अभिवादन, आपका हार्दिक आभार, आशा है आप सभी से भविष्य में भी  प्रोत्साहन मिलता रहेगा।

Comment by shree suneel on November 10, 2014 at 7:05pm
Kya baat hai ! "Mujhe nahin jigyasa/
kya likh chuka, kya likh raha vidhata..
Main anant ka panchhi...

sundar kavita..
^^^^^^^^^^^^
Comment by vijay nikore on November 10, 2014 at 4:36pm

अच्छी रचना के लिए बधाई, आ० हरिप्रकाश जी।

Comment by pooja yadav on November 10, 2014 at 1:39pm
Mai anant ka panchi mujhe nahi moksh ki abhilaasha. . .sundar

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 10, 2014 at 11:38am

शब्द संयोजन और भाव सम्प्रेषण उम्दा है आ० हरिप्रकाश दुबे जी, बधाई स्वीकारें।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 10, 2014 at 9:49am

बहुत ही प्रभावशाली रचना, बधाई स्वीकारें आदरणीय हरिप्रकाश जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service