For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

देखो उसे, दार्शनिक बनकर

फिर बैठेगा, नाक में ऊँगली डालेगा

कुछ निकलेगा, गोल –गोल गोलियायेगा

बिस्तर में पोछेंगा, पर कुछ सोचेगा

आँखे बंद करेगा, चिंतन करेगा

इस पर चिंतन, उस पर चिंतन

कर्म पर चिंतन, भाग्य पर चिंतन

शून्य पर चिंतन, अनंत पर चिंतन

चिंतन से निकले हल पर, चिंतन

चिंतन करते –करते, थककर सो जाएगा

इस दर्शन को, कौन समझ पाया है ?

कौन समझ पायेगा ?,पर मैं जानता हूँ,

जब वह चिंतन से जागेगा ,समय से तेज भागेगा,

दिशाविहीन –विमाहीन हो जाएगा  

ब्रह्म को जान कर भी ,बता नहीं पायेगा

पर वह चिंतन से जागेगा ,समय से तेज भागेगा !!

 

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित”

Views: 400

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 20, 2014 at 11:53pm

आ. हरि प्रकाश भाई , सुन्दर चिंतन के लिये बधाई ।

Comment by Hari Prakash Dubey on November 19, 2014 at 6:41pm

आपका हार्दिक आभार श्री योगराज प्रभाकर जी ,आपकी सलाह सर आँखों पर ,साभार !

Comment by Hari Prakash Dubey on November 19, 2014 at 6:37pm

"आदरणीय डा. गोपाल नारायन श्रीवास्तव साहब ,आपका उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार !"

Comment by Hari Prakash Dubey on November 19, 2014 at 6:34pm

आपका हार्दिक आभार श्री सोमेश कुमार जी

 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 19, 2014 at 12:30pm

हरि प्रकाशजी

सुन्दर प्रस्तुति है i  सादर i


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 19, 2014 at 12:13pm

बहुत बढ़िया प्रस्तुति है आ० हरिप्रकाश दुबे जी, बधाई स्वीकारें। अब क्वांटिटी की जगह क्वालिटी को तरजीह देनी शुरू करें कृपया।

Comment by somesh kumar on November 19, 2014 at 10:26am

चिंतन के इस स्वरूप पे पहुंचना उस कहावत को सत्य साबित करता है -जहाँ ना पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service