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आग लगाते वो कुछ इस तरह जो धुआँ तक नहीं होता(ग़ज़ल 'राज')

२११२ २१२२  १२२१  २२१२ २२

लोग हुनरमंद कितने किसी को गुमाँ तक नहीं होता

आग लगाते वो कुछ इस तरह जो धुआँ तक नहीं होता

 

जह्र फैलाते हुए उम्र गुजरी भले  बाद में उनकी

मैय्यत उठाने कोई यारों का कारवाँ तक नहीं होता

 

आज यहाँ की बदल गई आबो हवा देखिये कितनी

वृद्ध की माफ़िक झुका वो शजर जो जवाँ तक नहीं होता

 

मूक हैं लाचार हैं जानवर हैं यही जिंदगी इनकी  

ढो रहे हैं  बोझ पर दर्द इनका बयाँ तक नहीं होता

 

 ख़्वाब सजाते सदा आसमां पर महल वो बनायेंगे

 दिल की जमीं पर मुहब्बत भरा आशियाँ तक नहीं होता

 -------------------------------

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 2, 2014 at 8:07pm

हरि प्रकाश जी,आपको ग़ज़ल पसंद आई मेरा लिखना सफल हुआ आपका हार्दिक आभार  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 2, 2014 at 8:06pm

मिथिलेश जी,तहे दिल से शुक्रिया.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 2, 2014 at 8:05pm

सोमेश भैया ,आपकी बात से पूर्णतः सहमत हूँ ग़ज़ल के अनुमोदन के लिए दिल से आभार आपका. 

Comment by ram shiromani pathak on December 2, 2014 at 1:33pm

वाह वाह आदरणीया राजेश कुमारी जी ज़ोरदार ग़ज़ल//हार्दिक बधाई आपको 

Comment by Hari Prakash Dubey on December 2, 2014 at 1:02pm

लोग हुनरमंद कितने किसी को गुमाँ तक नहीं होता

आग लगाते वो कुछ इस तरह जो धुआँ तक नहीं होता.........

बहुत ही शानदार ग़ज़ल आपको हार्दिक बधाई !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 2, 2014 at 1:46am
बेहतरीन ग़ज़ल। बधाई आपको।
Comment by somesh kumar on December 1, 2014 at 10:43pm

लोग हुनरमंद कितने किसी को गुमाँ तक नहीं होता

आग लगाते वो कुछ इस तरह जो धुआँ तक नहीं होता

 फलों से लदे  वृक्ष  झुकते हैं एवं ज्ञानी कभी अभिमानी नहीं होते ,सुंदर  गज़ल पर इस शे'र ने बहुत प्रभावित किया |बधाई !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 1, 2014 at 6:25pm

आ० श्याम नारायण वर्मा जी ,तहे दिल से आभार आपका. 

Comment by Shyam Narain Verma on December 1, 2014 at 2:29pm

बहुत खूब ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, गजल पर आपको दिल से बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 1, 2014 at 11:19am

आ० डॉ० विजय शंकर जी इस उत्साह वर्धन के लिए तहे दिल से आभार आपका|  

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