उसके हज़ारों रूप लगे
किसी को सायाँ किसी को धूप लगे
वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगे
मेघ बनते है ,उमड़ते है ,बरसते हैं
किसी को प्यास ,किसी को कैनवास
किसी का विश्वास ,किसी को मीत लगे
तो किसी को बुरी ये छीट लगे
वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगें
बहती जाती है नदी, गाती है ,
शोर मचाती है इठलाती है
किसी को संगीत, किसी को पुनीत लगे
जंगल मैं भटके राही को
घर पहुँचने की आखिरी उम्मीद लगे
वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगे
फूल खिलते हैं ,महकते हैं, मुरझा जाते हैं
किसी को रस ,किसी का यश ,
किसी का उत्कर्ष,किसी का आशीष लगे और
किसी किताब में रखे अधुरे प्यार की बाकी उम्मीद लगे
वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगे
सोमेश कुमार(मई,२००९)
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
sukriya sbhi vidvan mitro evm aadrniy gurujno ka
सोमेश जी
बेहतरीन प्रस्तुति i आपकी रचना में रिदम है , लय है i
बहुत ही सुन्दर भाव हैं। बधाई।
बहती जाती है नदी, गाती है ,
शोर मचाती है इठलाती है
किसी को संगीत, किसी को पुनीत लगे
सोमेश भाई सुन्दर रचना पर आपको हार्दिक बधाई !
वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगें........बहुत खूब, बधाई आदरणीय सोमेश जी
बहुत खूब सोमेश भाई अच्छी कोशिश है बहुत बहुत बधाई आपको
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online