For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उसके हज़ारों रूप लगें

उसके हज़ारों रूप लगे

किसी को सायाँ किसी को धूप लगे

वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगे

मेघ बनते है ,उमड़ते है ,बरसते हैं

किसी को प्यास ,किसी को कैनवास

किसी का विश्वास ,किसी को मीत लगे

तो किसी को बुरी ये छीट लगे

वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगें

बहती जाती है नदी, गाती है ,

शोर मचाती है इठलाती है

किसी को संगीत, किसी को पुनीत लगे

जंगल मैं भटके राही को

घर पहुँचने की आखिरी उम्मीद लगे

वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगे

फूल खिलते हैं ,महकते हैं, मुरझा जाते हैं

किसी को रस ,किसी का यश ,

किसी का उत्कर्ष,किसी का आशीष लगे और

किसी किताब में रखे अधुरे प्यार की बाकी उम्मीद लगे

वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगे

सोमेश कुमार(मई,२००९)

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 426

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by somesh kumar on December 19, 2014 at 11:35pm

sukriya sbhi vidvan mitro evm aadrniy gurujno ka

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 18, 2014 at 5:36pm

सोमेश जी

बेहतरीन प्रस्तुति i  आपकी रचना में रिदम  है , लय है i

Comment by vijay nikore on December 18, 2014 at 4:26pm

बहुत ही सुन्दर भाव हैं। बधाई।

Comment by Hari Prakash Dubey on December 18, 2014 at 12:09pm

बहती जाती है नदी, गाती है ,

शोर मचाती है इठलाती है

किसी को संगीत, किसी को पुनीत लगे

सोमेश भाई सुन्दर रचना पर आपको हार्दिक बधाई !

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 18, 2014 at 4:18am
फूल खिलते हैं ,महकते हैं, मुरझा जाते हैं
किसी को रस ,किसी का यश ,
किसी का उत्कर्ष,किसी का आशीष लगे और
किसी किताब में रखे अधुरे प्यार की बाकी उम्मीद लगे
वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगे
वाह, बहुत सुन्दर , कहाँ से कहाँ तक , भूतभूत बधाई आदरणीय सोमेश कुमार जी , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 17, 2014 at 11:06pm

वो एक ही है मगर उसके हज़ारों रूप लगें........बहुत खूब, बधाई आदरणीय सोमेश जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 17, 2014 at 7:54pm

बहुत खूब सोमेश भाई अच्छी कोशिश है बहुत बहुत बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, आपकी संशोधित रचना भी तुकांतता के लिहाज से आपका ध्यानाकर्षण चाहता है, जिसे लेकर…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई, पदों की संख्या को लेकर आप द्वारा अगाह किया जाना उचित है। लिखना मैं भी चाह रहा था,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए है।हार्दिक बधाई। भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ । "
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, हार्दिक धन्यवाद  आभार आपका "
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद  आभार आदरणीय अशोक भाईजी, "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभाजी "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी बहुत सुन्दर भाव..हार्दिक बधाई इस सृजन पर"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत ही सुंदर भाव,वाचन में सुन्दर प्रवाह..बहुत बधाई इस सृजन पर आदरणीय अशोक जी"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service