For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नवगीत : नवल वर्ष है आया.

*नवल वर्ष है आया.

बीता वर्ष पुरातन छोडो,

क्या खोया क्या पाया.

नवल वर्ष है आया.

 

तन्द्रा भंग सुहाना कलरव,

मुर्गा बांग लगाता.

किरण धो रही कालिख सारी,

दिनकर द्वार बजाता.

सागर जल में नहा रश्मियाँ,

दुति चन्दन लेपेंगीं.

पौ फटते ही तिलक सिंदूरी,

सूरज भाल लगाया.

नवल वर्ष है आया.

 

भोर उठी आगी सुलगाती,

धुंध धुंआ संग जाती.

पीली धूप पकौड़ी तलती,

श्यामा दूध दुहाती.

किया कलेऊ लगे काम क्षण,

अपने अपने रस्ते.

किरणें मंगल गीत गा रहीं.

वन्दनवार सजाया.

नवल वर्ष है आया.

 

 

नन्हें की उम्मीद बड़ी है,

बड़े बड़े हैं वादे.

दृढ संकल्पित जुटे सभी हैं,

सबके नेक इरादे.

नए वर्ष के नव दिन अपना,

एक वृक्ष रोपेंगे.

नवल क्रांति हो पूर्ण शांति मय,

भ्रात्र धर्म अपनाया.

नवल वर्ष है आया.

**हरिवल्लभ शर्मा

 

 (मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 619

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by harivallabh sharma on December 22, 2014 at 5:35pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी साहब आपका स्नेह नववर्ष की शुभ आकांक्षाएं देता हुआ ह्रदयागम्य हुआ...आभार आपका.सादर.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 22, 2014 at 3:14pm

आदरणीय हरि वल्लभ भाई , आमीन ! ऐसा ही हो नव वर्ष ! रचना के लिये बहुत बधाइयाँ ।

Comment by harivallabh sharma on December 22, 2014 at 1:43pm

आदरणीय JAWAHAR LAL SINGH जी आपकी स्नेहिल टीप हेतु हार्दिक आभार...ईश्वर करे आने वाला वक़्त खुशियों भरा हो...सादर.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on December 22, 2014 at 12:47pm

बहुत सुदर रचना और सुन्दर सन्देश भी ...काश कि आनेवाला हर पल ऐसा ही हो...

Comment by harivallabh sharma on December 20, 2014 at 11:12pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आपका प्रोत्साहन हमेशा हौसला बढाता है...हार्दिक आभार आपका...स्नेह बनाये रखें सादर.

Comment by harivallabh sharma on December 20, 2014 at 11:08pm

आदरणीय somesh kumar जी आपकी प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया हौसला बढाती है...स्नेह बनाये रखें सादर.

Comment by harivallabh sharma on December 20, 2014 at 11:06pm

आदरणीय Hari Prakash Dubey जी आपकी स्नेहिल टीप से निश्चित ही हौसला बढ़ा है...सादर आभार आपका.

Comment by harivallabh sharma on December 20, 2014 at 11:05pm

आदरणीय Shyam Narain Verma जी नव गीत पर प्रोत्साहन  हेतु हार्दिक आभार...स्नेह बनाये रखें सादर.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 20, 2014 at 10:03pm

आदरणीय हरि वल्लभ भाई , बहुत सुन्दर वातावरण गढ़ा है आपने नव वर्ष का ! सुन्दर नवगीत के लिये बहुत बधाइयाँ ।

Comment by somesh kumar on December 20, 2014 at 8:03pm

आशा है नवल वर्ष कुछ ऐसा ही हो आदरणीय ,सुंदर प्रस्तुति-हेतु बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
3 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service