For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल .........;;;गुमनाम पिथौरागढ़ी

चादर झीनी देख कबीरा

मैली ओढ़ी देख कबीरा

जीना मरना सब साथ चले

काया साझी देख कबीरा

ईश भगत का रिश्ता ऐसा

भूखा रोटी देख कबीरा

ऊँच नीच का अंतर कैसा

काया माटी देख कबीरा

यम इक राजा मिलना चाहे

आत्मा रानी देख कबीरा

मौलिक व अप्रकाशित

गुमनाम पिथौरागढ़ी

आपके सुझाओं व समालोचना की प्रतीक्षा में ......

Views: 580

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by gumnaam pithoragarhi on January 26, 2015 at 11:02am

धन्यवाद सर सौरभ जी कोशिश लगातार जारी है ..... गिरिराज जी अच्छा लगता है जो आप लगातार कृपादृष्टि बनाए रखते हैं धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 26, 2015 at 10:34am

बहुत सुन्दर गज़ल ! आदरणीय गुमनाम भाई बधाई ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 26, 2015 at 1:41am

ग़ज़ल पर दाद कुबूल कीजिये गमनाम भाई. वैसे कुछ मिसरों में प्रवाह को और सरस होना था.

लेकिन बेहतर प्रयास हुआ है.

Comment by gumnaam pithoragarhi on January 25, 2015 at 10:15pm

धन्यवाद दोस्तो आपकी सराहना का धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 25, 2015 at 2:40pm

वाह वाह, बहुत खूब, दाद कुबूल करें आदरणीय "गुमनाम" जी.

Comment by Hari Prakash Dubey on January 24, 2015 at 7:33pm

आदरणीय गुमनाम पिथौरागढ़ी जी सुन्दर रचना ...

ईश भगत का रिश्ता ऐसा

भूखा रोटी देख कबीरा......वाह ..बधाई !

Comment by Sushil Sarna on January 24, 2015 at 7:21pm

चादर झीनी देख कबीरा
मैली ओढ़ी देख कबीरा
जीना मरना सब साथ चले
काया साझी देख कबीरा

आदरणीय बस हम तो इस प्रस्तुति को शानदार शानदार शानदार ही कहेंगे … हार्दिक बधाई

Comment by Rahul Dangi Panchal on January 24, 2015 at 6:39pm
आदरणीय गुमनाम जी सादर बधाई ! सुन्दर गजल हुई है!
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 24, 2015 at 1:10pm

वाह कबीरा ----- गुमनाम जी बहुत सुन्दर i

Comment by gumnaam pithoragarhi on January 24, 2015 at 10:03am

मिथिलेश जी विजय जी बहुत बहुत धन्यवाद आपने रचना को सराहा

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service