"कहाँ आगे-आगे बढ़े जा रहे हो जी', मैं पीछे रह जा रही हूँ |"
"तुम हमेशा ही तो पीछे थी"
"मैं आगे ही रही "
"और चाहूँ तो हमेशा आगे ही रहूँ, पर तुम्हारें अहम् को ठेस नहीं पहुँचाना चाहती हूँ समझे|"
"शादी वक्त जयमाल में पीछे ..."
"डाला जयमाल तो मैंने आगे"
"फेरे में तो पीछे रही"
"तीन में पीछे, चार में तो आगे रही न "
"गृह प्रवेश में तो पीछे"
"जनाब भूल रहे हैं, वहां भी मैं आगे थी "
इसी आगे पीछे को लेकर लड़ते -हँसते पार्क से बाहर निकले और एक दूजे से नोंकझोक करते हुए ही बेफिक्र हो बाइक से जा रहे थे| सुनसान रास्ते पर बदमाशों ने उनकी बाइक रोक तमंचा तान दिया - "निकालो सारे गहने" चीखा एक |
दुवेश शीला को पीछे कर,बदमाशों से भिड़ गया |
जैसे ही घोड़ा दबा, पत्नी उसकी बाहों में झूलती हुई मुस्करा कर बोली " लो जी यहाँ भी मैं आगे ..|"
सविता मिश्रा
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
आदरणीया सविता मिश्रा जी, सुन्दर मार्मिक रचना हार्दिक बधाई !सादर
जीवन के तीसरे दशक से शुरू एक खट्टी-मीठी नोंक झोंक भरा रिश्ता, जो कि सबसे महत्वपूर्ण और मजबूत होता है. रचना में आपने बखूबी चित्रण किया आदरणीया सविता जी. हार्दिक बधाई स्वीकारें
आदरणीय vijay भैया सादर _/\_
दिल से आभार
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online