22--22--22--22--22--22--22--2 |
---------------- |
हँसते - हँसते रो लेता हूँ, रोते - रोते हँसता हूँ |
कोई मुझसे ये मत पूछो आखिर क्यों मैं ऐसा हूँ |
|
आईने-सी शक्ल बना कर इक नुक्कड़ पर बैठा हूँ |
कितने उजले, कितने काले, चेहरे गिनते रहता हूँ |
|
ऐसा होगा, वैसा होगा, आज हुकूमत बदलेगी |
अपनी तो औकात ज़रा-सी, सबकी बातें सुनता हूँ |
|
दिल का मतला, दर्द काफिया, छोटी बह्र है जीवन की |
सिर्फ अक़ीदत के लफ्जों से, सादी गज़लें लिखता हूँ |
|
गम की दुनिया अपने भीतर, यारां ऐसे कैद न कर |
अपना गम मुझको बतला दे, मैं भी तेरे जैसा हूँ |
|
सूरज, चाँद, सितारे, लोरी, खेल-खिलौने छूट गए |
फिर से ये सब मुझे दिलाओ मैं भी छोटा बच्चा हूँ |
|
घर का ये आँगन लगता है जनम-जनम का प्यासा है |
जब भी आता-जाता घर में, पाँव भिगोकर चलता हूँ |
|
दिल की बाते आज सितारों को बतला के चैन मिला |
पलकों से बादल-सा उतरा, खूब झमाझम बरसा हूँ |
|
------------------------------------------------------- |
Comment
आदरणीय खुर्शीद सर के मार्गदर्शन पश्चात् ग़ज़ल सादर
घर का ये आँगन लगता है जनम-जनम का प्यासा है |
जब भी आता-जाता घर में, पाँव भिगोकर चलता हूँ |
|
दिल का मतला, दर्द काफिया, छोटी बह्रे जीवन की |
||||||
सिर्फ अक़ीदत के लफ्जों से, सादी गज़लें लिखता हूँ |
||||||
|
आईने-सी शक्ल बना के इक नुक्कड़ पे बैठा हूँ |
||||
कितने उजले, कितने काले, चेहरे गिनते रहता हूँ------गिनता करलें ----बहुत ही उम्दा शेर
|
ग़ज़लों में आपके सुझाये हिंदी के अष्टक नियम वाकई कमाल के है |
आदरणीय खुर्शीद सर, आपके मार्गदर्शन अनुसार शीघ्र संशोधन करता हूँ. सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online