For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

121--22--121--22--121--22--121—22

------------------------------------------------

हमें  इज़ाज़त  मिले  ज़रा  हम  नई  सदी  को  निकल  रहे है

जवाँ परिंदे  उड़ानों की अब,   हर  इक  इबारत  बदल  रहे हैं।*

 

गुलाबी  सपने  उफ़क  में  कितने  मुहब्बतों  से  बिखर गए है

नया  सवेरा  अज़ीम करने,  किसी  के  अरमां  मचल  रहे  है।

 

मिले  थे  ऐसे  वो  ज़िन्दगी  से,  मिले  कोई जैसे अजनबी से

हयात से जो  मिली  है  ठोकर  जरा - जरा  हम  संभल रहे है।

 

अजीब महफ़िल, अजीब आलम, अजीब हस्ती, अजीब मस्ती

किसी  के  अहसास  पल रहे है  किसी के  ज़ज्बात जल रहे है।

 

बुजुर्गों अपनी ‘नसल’ पे तुम  भी  यकीन  इतना जुरूर रखना

बड़े अदब से  औ  एहतियातन  जमाना  हम  तो  बदल रहे है।

 

-------------------------------------------------------
(मौलिक व अप्रकाशित)  © मिथिलेश वामनकर 
-------------------------------------------------------

* आदरणीय गिरिराज सर द्वारा सुझाये संशोधन पश्चात् मिसरा.

Views: 858

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 19, 2015 at 8:26pm

आदरणीय डॉ.कंवर करतार 'खन्देह्ड़वी' जी सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. 

Comment by कंवर करतार on February 19, 2015 at 8:24pm

भाई मिथिलेश,अती सुंदर ग़ज़ल के लिए ढेरों दाद /बधाई I


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 19, 2015 at 8:11pm

आदरणीय दिनेश भाई जी बड़ी ही मधुर बह्र है, गुनगुनाते हुए लिख लेता हूँ, अभी वैसी पकड़ नहीं आई है. कोशिश जारी है.

Comment by दिनेश कुमार on February 19, 2015 at 8:04pm
Kya baat hai....मैं अभी तक इस खूबसूरत बह्र पर नहीं लिख पाया हूँ। हालांकि कोशिश भी नहीं की है। आप तो इस पर पकड़ बनाए हुए हैं। वाह वाह

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 19, 2015 at 7:58pm

चलो पड़ी तो नज़र ज़रा सी जो दाद पाई यकीन आया 

दिनेश भाई का शुक्रिया ये ग़ज़ल कही औ सफल रहे है 

Comment by दिनेश कुमार on February 19, 2015 at 7:30pm
आदरणीय मिथिलेश भाई जी, इस ग़ज़ल पर आज ही नजर पड़ी। आप ने तो कमाल किया हुआ है। वाह वाह वाह। दाद कबूल करें।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 19, 2015 at 7:08pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी सर, इस सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार.

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 19, 2015 at 11:08am

आ० भाई मिथिलेश जी , is बेहतरीन गजल के लिए हार्दिक बधाई . .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 18, 2015 at 7:56pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी, आपकी टिप्पणी देखकर ही दिल खुश हो जाता है उस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया, सस्नेह सराहना के साथ हो तो बस झूम जाता हूँ. आपके स्नेह से सदा की तरह अभिभूत हूँ. रचना पर आपकी उपस्थिति से मान बढाने के लिए हृदय से आभार. नमन 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 18, 2015 at 7:53pm

आदरणीय सोमेश भाई जी सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. आप स्वयं एक अच्छे रचनाकार है इसलिए आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए सदा से अमूल्य रही है. हार्दिक धन्यवाद 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छन्द पर उपस्तिथि और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय अखिलेश जी छन्द पर उपस्तिथि उत्साहर्धन और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार। दीपोत्सव…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुति में जिन चिह्नों से युग्मकों को अलग किया गया है उन्हें हटा दिया…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service