For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छन्द – छन्न पकैया ( सार छंद ) -- ( गिरिराज भंडारी )

छन्द – छन्न पकैया

********************

छन्न पकैया छन्न पकैया , होली फिर से आई

बूढ़े बाबा की भी देखो , जागी है तरुणाई

 

छन्न पकैया छन्न पकैया , रंग प्यार का लेके

लूले लंगड़े भी दौड़े जो , चलते हैं ले दे के

 

छन्न पकैया छन्न पकैया, होली बड़ी निराली

कौवा रंग लगा के पूछे , कैसी लगती लाली

 

छन्न पकैया छन्न पकैया , आ जा भंग चढ़ायें

फिर बैठे बैठे घर में ही, आसमान तक जायें    

 

छन्न पकैया छन्न पकैया , सूना सूना लागे

जिनके मित्र हुये परदेशी, लगते मुझे अभागे

 

छन्न पकैया छन्न पकैया , सारे बंधन तोड़ो

मन कहता है आज न रोको, मुझको खुल्ला छोड़ो

छन्न पकैया छन्न पकैया , होगी छेड़ा छाड़ी

हुड़दंगी की टोली आई , रंगों की ले गाड़ी

*******************************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

 

Views: 2496

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 3, 2015 at 9:18pm

छन्न पकैया छन्न पकैया , सूना सूना लागे

जिनके मित्र हुये परदेशी, लगते मुझे अभागे

छन्न पकैया छन्न पकैया , गुझिया, पूआ, पूरी
लेके रंग अबीर लगा जा, मिट जाएगी दूरी  --- एक कोशिश मेरी भी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 3, 2015 at 5:15pm

आदरणीय सोमेश भाई , छंद प्रयास की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥

Comment by somesh kumar on March 3, 2015 at 11:31am

सुंदर आनन्ददायक रंगो से सराबोर छन्न-पकैया पर पूरे उल्लास और हुडदंग के साथ होली और रचना पर बधाई निवेदित |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 3, 2015 at 8:28am

आदरणीय मोहन भाई , सराहना के लिये आपका दिली शुक्रिया ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 3, 2015 at 8:27am

आदरणीय कृष्णा भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 3, 2015 at 8:26am

आदरनीय नादिर खान भाई , आपको भी होली की बधाइयाँ । रचना की सराहना के लिये आपका आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 3, 2015 at 8:25am

आदरणीय बागी भाई जी , आपकी सराहना ने रचना का मान बढ़ा दिया । आपका बहुत शुक्रिया ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 3, 2015 at 8:24am

आदरणीय जितेन्द्र भाई , सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 3, 2015 at 8:24am

आदरणीया प्रतिभा जी , उत्साह वर्धन  के लिये आपका आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 3, 2015 at 8:22am

आदरणीय मिथिलेश भाई , छंद प्रयास आपको संतुष्ट कर पाया तो मेरी मेहनत सफल हो गई , आपका आभारी हूँ ॥

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"बहुत आभार आदरणीय ऋचा जी। "
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार भाई लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है।  आग मन में बहुत लिए हों सभी दीप इससे  कोई जला…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"हो गयी है  सुलह सभी से मगरद्वेष मन का अभी मिटा तो नहीं।।अच्छे शेर और अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आ.…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रात मुझ पर नशा सा तारी था .....कहने से गेयता और शेरियत बढ़ जाएगी.शेष आपके और अजय जी के संवाद से…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. ऋचा जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. तिलक राज सर "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. जयहिंद जी.हमारे यहाँ पुनर्जन्म का कांसेप्ट भी है अत: मौत मंजिल हो नहीं सकती..बूंद और…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"इक नशा रात मुझपे तारी था  राज़ ए दिल भी कहीं खुला तो नहीं 2 बारहा मुड़ के हमने ये…"
12 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी ख़ूब शेर कहे आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
13 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
13 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service