2212---2212---2212---2212 |
|
देखो मुझे फिर ये कहो- क्या आज भी इंसान हूँ |
क्यों इस तरह जतला रहें मैं कब कोई भगवान हूँ |
|
ईमान का ऐलान हूँ तूफ़ान का फरमान हूँ |
बरसों दबा के तू जिसे बैठा वही अरमान हूँ |
|
दो पंछियों को पेड़ पर बैठे हुए देखा मगर |
हँसते नहीं रोते नहीं ये देखकर हैरान हूँ |
|
इक शख्स जो भीतर मेरे बस मौन सा बैठा हुआ |
उस शख्स के किरदार से यारों बहुत हलकान हूँ |
|
हर आदमी कहता यही पाया गया है आजकल |
मौका नहीं तो मैं ख़ुदा मौका मिला शैतान हूँ |
|
अब छोडिये उस बात को, बातें बढ़े क्या फायदा |
माना चलो फाजिल तुम्ही मैं ही फ़क़त नादान हूँ |
|
बस घर मेरा ताउम्र ही इस जिस्म पर तारी रहा |
दीवार दर मैं था कभी, अब तो फ़क़त दालान हूँ |
|
------------------------------------------------------ |
Comment
आदरणीय समर कबीर जी आपकी जर्रानवाजी है.... आपकी गज़लें पढ़कर ही सीख रहा हूँ .... आपका स्नेह और मार्गदर्शन मिल जाता है तो लिखने का उत्साह दुगुना हो जाता है. नए अभ्यासी का उत्साहवर्धन आपका बड़प्पन है. आपके स्नेह और आत्मीय प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभारी हूँ. हार्दिक धन्यवाद
आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी आप जैसे उस्ताद शायर से दाद पाकर आनंदित हूँ. आपको अशआर कोट करने लायक लगे लिखना सार्थक हुआ. स्नेह और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
आदरणीय सुशील सरना जी सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार... आपको ग़ज़ल पसंद आई लिखना सार्थक हुआ. हार्दिक धन्यवाद
आदरणीय गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर, आपके स्नेह से सदैव रचनाकर्म को बल मिलता है. सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार .. नमन
आदरणीय निलेश जी आप जैसे सुलझे गज़लकार की दाद पाकर आनंदित हूँ. सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
आदरणीय सुनील प्रसाद जी सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
आदरणीय मोहन सेठी जी सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2025 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online