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ग़ज़ल :-गले प रख के वो तलवार बोले

बह्र :- मफ़ाइलुन मफ़ाइलुन फ़ऊलुन

गले प रख के वो तलवार बोले
वही कहना जो ये सरकार बोले

हमें बर्बाद कर देगा तिरा सच
मिरी बस्ती के इज़्ज़तदार बोले

हमारा ख़ानदानी वस्फ़ है ये
हमेशा जानिब-ए-हक़दार बोले

कई नामों से हमको जानते हैं
कोई तूफ़ाँ,कोई मंझधार बोले

बुराई पीठ के पीछे करेगा
मिरे मुँह पर ज़रा इक बार बोले

है मुझ को आरज़ू उस हमसफ़र की
जो वीरानों को भी गुलज़ार बोले

क़ुसूर इन शाईरों का भी नहीं जी
वही देंगे जो ये बाज़ार बोले

"समर" तुम दुश्मनों पर टूट पड़ना
सिपह सालार जब यलग़ार बोले

"समर कबीर"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 777

Comment

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Comment by Samar kabeer on May 15, 2015 at 2:44pm
जनाब डॉ.आशुतोष मिश्रा जी ,आदाब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on May 15, 2015 at 2:43pm
जनाब "जान" गोरखपुरी जी ,आदाब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on May 15, 2015 at 2:43pm
जनाब निलेश "नूर" जी ,आदाब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on May 15, 2015 at 2:42pm
जनाब निर्मल नदीम जी ,आदाब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on May 15, 2015 at 2:41pm
आली जनाब डॉ विजय शंकर जी ,आदाब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by shree suneel on May 15, 2015 at 1:38pm
गले प रख के वो तलवार बोले
वही कहना जो ये सरकार बोले/ क्या बात है!
है मुझ को आरज़ू उस हमसफ़र की
जो वीरानों को भी गुलज़ार बोले/वाहह! ख़ूब..
ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको आदरणीय

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 15, 2015 at 1:55am

ये आपका कमाल है 

और ये हमारे सर चढ़कर बोलता है. 

दिल से दाद और ढेर सारी दुआ.

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 14, 2015 at 3:09pm

क़ुसूर इन शाईरों का भी नहीं जी
वही देंगे जो ये बाज़ार बोले...आदरणीय समर कबीर जी बिलकुल सही कहा है आपने .इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई सादर 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 14, 2015 at 2:36pm

लाजवाब समर सर! क्या खूब मतला हुआ है बारम्बार दाद! हर शेर बेहतरीन!

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 14, 2015 at 11:46am

आहा ..वाह क्या कहने ..बहुत ख़ूब 
वाह वाह 

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