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गुरुमंत्र ( लघुकथा )

" डॉक्टर साहब , बच्चा बच तो जायेगा न ", उसके दोनों हाँथ जुड़े थे ।
" देखो हम लोग पूरी कोशिश करेंगे , आगे ऊपरवाले की मर्ज़ी । बस पैसों का इंतज़ाम कर लेना "।
सुबह जूनियर डॉक्टर ने फोन किया " सर , स्पेशलिस्ट का फोन आया था कि वो नहीं आ पाएंगे | इसको डिस्चार्ज कर देते हैं , कहीं और करवा लेगा ऑपरेशन "।
" क्यों , ऑपरेशन क्या असफ़ल नहीं होते ", डॉक्टर साहब ने समझाया । ऑपरेशन की तैयारियाँ होने लगीं ।
मौलिक एवम अप्रकाशित

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Comment by विनय कुमार on June 10, 2015 at 3:32am

बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी , आपके प्रोत्साहन के शब्द बहुत हौसला देते हैं..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 10, 2015 at 1:05am

इस लघुकथा की अंतर्धारा झंझोड़ देती है आदरणीय. क्या हम सभी को करीब-करीब हर नर्सिंग होम में ऐसा ही कुछ भान नहीं होता ? लघुकथा ही नहीं कोई रचना बस यही सफल होजाती है जब वह आम जीवन की त्रासदियों और महसूसियात के कॉर्ड को छू जाती है.
हार्दिक बधाई स्वीकार करें भाईजी..

Comment by विनय कुमार on June 7, 2015 at 8:44pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय शरद सिंह विनोद जी, बहुत सम्बल मिलता है ऐसे शब्दों से.

Comment by SHARAD SINGH "VINOD" on June 7, 2015 at 7:48pm

आ. विनय जी हृदय में उमड़ते भाव को शब्द नहीं दे पा रहा हूँ इस रचना .... नहीं नहीं कालजयी रचना बाँच कर...

आपकी रचना वर्तमान सामाजिक समस्याओं पर विचार करने को बाध्य करती है.. सादर ||

Comment by विनय कुमार on June 7, 2015 at 11:34am

बहुत बहुत आभार आदरणीय  जितेन्द्र पस्टारिया जी , कुछ लोगों की हक़ीक़त यही है..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 7, 2015 at 2:57am

किसी हद तक भगवान् कहलाने वाले, आखिर है तो हाड-मॉस का इंसान. अपनी फितरत कैसे भूल सकेगा. सच्चाई का बहुत सुंदर चित्रण ,बधाई आदरणीय विनय जी

Comment by विनय कुमार on June 7, 2015 at 12:21am

बहुत बहुत आभार आदरणीया रीता गुप्ता जी..

Comment by Rita Gupta on June 6, 2015 at 11:44pm

भगवान का मुखौटा लगाये इन लोभियों का आपने बड़ी चतुराई से चुने गिने शब्दों में असलियत दिखा दिया .

Comment by विनय कुमार on June 6, 2015 at 7:35pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 6, 2015 at 7:26pm

मेडिकल सिस्टम पर बढ़िया कटाक्ष ,हार्दिक बधाई इस लघु कथा के लिए |

कृपया ध्यान दे...

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