For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नन्हा यश अंग्रेजी के शब्द जैसे गुड-बैड, स्माल-बिग ,ब्यूटीफुल-अग्ली(ugly) सीख रहा था .एक दिन स्कूल से आते ही उसने अंग्रेजी की पुस्तक निकाली और बोला

“माँ,ये देखो ये फोटो बिलकुल तुम्हारी जैसी है ,मैंने इसे ही ब्यूटीफुल लिखा तो टीचर ने गलत कर दिया .उन्होंने इस फ्रॉक वाली को ब्यूटीफुल बताया और इसे अग्ली,ऐसा क्यों? “

“बेटा,जिसे तुम मेरी जैसी समझ रहे हो वह तो सांवली है जबकि ये गोरी –चिट्टी है,इसलिए सुंदर वही हुई ना “

यश माँ को ध्यान से देखने लगा , रंग भेद की पहली कक्षा में उसकी प्रविष्टि हो चुकी थी .

 

( मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 1042

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rita Gupta on August 15, 2015 at 12:39am

आदरणीय Sulabh जी ,आपको कथा का मर्म पसंद आई ,आभारी हूँ .

Comment by Rita Gupta on August 15, 2015 at 12:38am

आदरणीय Santlal Karun जी आभार आपका .

Comment by Rita Gupta on August 15, 2015 at 12:37am

आदरणीय Maharishi Tripathi जी   आभार .

Comment by Sulabh Agnihotri on August 13, 2015 at 5:24pm

रंग भेद की पहली कक्षा में उसकी प्रविष्टि हो चुकी थी  - वाह ! इसे कहते हैं लघुकथा। कितनी मासूमियत से कितनी गहरी चोट ! फिर वाह !!!

Comment by Santlal Karun on July 24, 2015 at 6:36pm

आदरणीया रीता जी, सार्थक, सारगर्भित और सामयिक लघु कथा के लिए साधुवाद तथा महीने की श्रेष्ठ रचना के चयन पर बधाई !

Comment by maharshi tripathi on July 22, 2015 at 3:16pm

 रंग भेद की पहली कक्षा में उसकी प्रविष्टि हो चुकी थी .,,,,सब कुछ तो कह दिया इस पंक्ति ने ,,बहुत बढ़िया |

Comment by Rita Gupta on July 18, 2015 at 7:10pm

आदरणीय सचिन देव जी धन्यवाद .

Comment by Sachin Dev on July 17, 2015 at 3:22pm

आदरणीय रीता गुप्ता जी, एक बढ़िया सन्देश देती लघुकथा और माह की सर्वश्रेष्ठ रचना हेतु हार्दिक बधाई आपको ! 

Comment by Rita Gupta on July 16, 2015 at 10:59am

धन्यवाद लक्ष्मण रामानुज जी ,आपको ये रचना संदेशपरक लगी .आभार .

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 16, 2015 at 10:41am

भेद भाव और स्वार्थ जैसी बाते बच्चें सबसे अधिक घर में सीखते है | माता पिता की मानसिकता का असर बच्चों पर पड़ता ही है | अति सुंदर सन्देश देती लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया रीता गुप्ता जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
16 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
27 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
33 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
38 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जू भाई, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सादर "
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service