For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहा छंद...सब पीतीं मकरंद

मुरली तो मन मोहनी, हरे जगत की पीर.

उसे चुरा कर राधिका, स्वयं हुई गम्भीर.

 

मुरली हर मन मोहती, लिये फकीरी रूप.

सरस कण्ठ निष्काम रख, छुए होंठ बन भूप.

 

बंशी तन में खोट पर, सरगम श्वांस स्वरूप.

अधरों को छूकर कर पगे, नवरस दिव्य अनूप.

 

घायल तन में आह नहि, नहीं तनिक अफसोस.

मुरली सबसे कह रही, पगें राग संतोष.

 

घायल मुरली कोसती, तन-मन बांस कठोर.

पर कान्हा के होंठ लग, गाती भाव विभोर.

 

घायल तन अति शोक मन, मुरली तो निर्जीव.

पर होंठों को चूम कर, तिहुं पुर करे सजीव.

 

दीन हीन घायल मगर, रहे कण्ठ से शाह.

श्वांस श्वांस सुमिरन लगन, बंशी भरे उछाह.

 

गांठ गांठ के बंध से, मुक्त हुआ जब बांस.

मिले घाव पर कण्ठ से, विहसें सरगम श्वांस.

 

बांस कण्ठ की वेदना, मनमोहन की आन.

अपने  होंठों से लगा, उसको  दें सम्मान.

 

होंठों पर मुरली सधी, नयन हुए त्यों बंद.

राधा मीरा गोपियां, सब पीतीं मकरंद.

 

के.पी. सत्यम / मौलिक व अप्रकाशित

Views: 463

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 14, 2015 at 9:24am

आ० केवल जी

बहुत सुन्दर दोहे. बधायी हो .

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 12, 2015 at 10:58am

सुंदर  और  भाव पूर्ण दोहे रचे है श्री केवल प्रसाद जी | इसके लिए हार्दिक बधाई स्वीकारे | प्रथम दोहे के तृतीय चरण में लय भंग लग रही है | इसे यूँ लिखा जाय (अगर उचित लगे) तो, कृपया देखे -

मुरली तो मन मोहनी, हरे जगत की पीर.  -  मुरली तो मन मोहिनी, हरे जगत की पीर,

राधा  उसको चुरा कर, स्वयं हुई गम्भीर.      उसे चुरा कर राधिका,  हुई स्वयं गंभीर  |

सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on July 12, 2015 at 10:52am

आदरणीय केवल प्रसाद जी 

सादर अभिवादन 

बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on July 12, 2015 at 1:19am

आदरणीय केवल प्रसाद जी सुन्दर दोहावली हुई है हार्दिक बधाई 

मुरली की व्यथा कथा बड़े सुन्दर ढंग से शाब्दिक हुई है 

इस पद में टंकण त्रुटी हुई है संभवतः 

//राधा  उसको चुरा कर, स्वयं हुई गम्भीर.//

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी _________ लो कुंभ का मेला जमा,भाव भक्ति मन रमा,धर्म का झंडा उठाये,भीड़ में उमंग…"
48 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्र को उकेरते सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"कुम्भ लगा प्रयाग में, संतो का जमघट है,आमजन भी आ जुटे, मुक्ति स्नान करने।पर्व सनातन का है,…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी,  आपके प्रयास की वाह-वाह भूरि-भूरि, कठिन है किंतु पद, आपने लगा…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी,  कवित्त है शुद्ध शुद्ध, कवि मन से प्रबुद्ध, पद पढ़ बार-बार, रस में…"
12 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   बरसों बाद मेला है, खूब ठेलम ठेला है, भीड़ बहुत भारी है,…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"सुगढ़ कवित्त प्रस्तुति, आदरणीय अशोक भाईजी  मैं पुन: उपस्थित होता हूँ। "
20 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   संगम  के  तट  पर, संतो  का  जमावड़ा  है, एक…"
21 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 175 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |इस बार का…See More
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service