“ये देखो विज्ञान आज कितनी तरक्की कर रहा है कितनी अद्दभुत मशीन बना डाली, पुरुष भी महसूस करके देख सकते हैं अब प्रसव वेदना को|" टाइम्स ऑफ़ इण्डिया में हेडिंग Chinese men get a taste of labor pain with a machine को पढ़ते हुए प्रोफ़ेसर बक्शी अपनी पत्नी से अचानक बोल उठे
”पापा क्या कभी कोई ऐसी मशीन भी बन पाएगी जो रेप के दर्द को भी पुरुष महसूस कर सकें” थोड़ी दूरी पर बैठी बेटी के अचानक इस प्रश्न ने पापा को अन्दर तक झिंझोड़ कर रख दिया बेटी के सिर पर हाथ फिराते हुए अपनी आँखों में आये आँसुओं को छुपाने के लिए अन्दर चले गए|
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
Comment
आ० डॉ० आशुतोष मिश्रा जी,इस लघु कथा पर आपकी प्रतिक्रिया से अभिभूत हुई आपके इस मुखर अनुमोदन ने मेरा लिखना सार्थक कर दिया दिल से बहुत- बहुत आभार आपका |
आदरणीया राज जी आपकी लघुकथाए हमेशा एक लम्बे अंतराल के बाद पढने को मिलती हैं ..लेकिन हर लघु कथा में इतने गहरी बात होती है की दिल में उतर जाती है ..इस कथा को पढ़कर सम्बेदन हीन में भी सम्बेदना जाग जायेगी ..कमाल की इस रचना के लिए ह्रदय से बधाई सादर
विनय कुमार जी ,लघु कथा के मर्म को महसूस कर किये गए अनुमोदन हेतु आपका दिल से शुक्रिया | सच तो ये है कि जब अपनी बहू बेटी पर बीतती है तो महसूस होता है इस दुनिया के अधिकाँश लोगों की ऐसी ही मानसिकता है क्या करें बहुत कष्ट होता है ये सब पढ़ सुनकर
दिल से आभार आपका
रेप के दर्द को तो उस लड़की का पिता तो बखूबी महसूस करता है लेकिन उस पुरुष को क्या कहें जो यह अमानवीय कृत्य करता है | बहुत बेहतरीन लघुकथा इस संवेदनशील विषय पर , बधाई आदरणीया राजेश कुमारी जी.
लघु कथा के अनुमोदन के लिए दिल से आभार अर्चना त्रिपाठी जी .
आ० नीता कसर जी ,आपका दिल से बहुत बहुत आभार |
प्रतिभा पाण्डेय जी,आपको लघुकथा पसंद आई आपका दिल बहुत -बहुत शुक्रिया.
आ० विनोद खनगवाल जी,लघु कथा पर आपका मुखर अनुमोदन मुझे हर्षित करने के साथ इसके प्रति आश्वस्त भी कर रहा है आपका दिल से बहुत- बहुत आभार आपका परामर्श स्वागत योग्य है इंग्लिश की पंक्ति को हिंदी लिपी में कर दूँगी|
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online