For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा- रहस्य   

“ इसी व्यक्ति के साथ बापू गया था . यह कह रहा था कि हम खूब पैसे कमाएंगे . बापू ने भी कहा था कि समुद्र से खूब मछलियाँ पकडूँगा . फिर ढेर सारा पैसा ले कर आऊंगा.” कहते हुए मोहन ने फोटो इंस्पेक्टर को दिया, “ साहब ! मैं वापस समुद्र के किनारे गुब्बारे बेचने जा रहा हूँ. शायद बापू या ये व्यक्ति मिल जाए.” कहते हुए मोहन  जाने लगा तो इंस्पेक्टर ने कहा, “ बेटा ! इसे देख ले. ये कौन है ?”

क्षतविक्षत फोटो में अपने बापू की कमीज पहचान कर मोहन के चीख निकल गई, “ ये तो मेरा बापू है साहब. इसे क्या हुआ ? इस की छाती और गुर्दे पर ये कटे हुए के निशान क्यों है साहब ? ”

इंस्पेक्टर क्या जवाब देता, उसे भी पता नहीं था कि क्या हुआ, “ ये छोटीछोटी मछलियाँ पकड़ने गया था, पर लगता है इसे ही बड़ी मछलियों ने अपना शिकार बना लिया है.”

                      ------------------------------------

०७/०८/०२१५ 

Views: 457

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Omprakash Kshatriya on August 10, 2015 at 8:23pm
आ प्रतिभा जी आप ने लघुकथा को समर्थन दिया , इस हेतु आप का शुक्रिया ।
Comment by pratibha pande on August 10, 2015 at 7:17pm
ऐसी बड़ी मछलियाँ सब जगह फ़ैली हैं ,सशक्त रचना बधाई आपको आदरणीय
Comment by Omprakash Kshatriya on August 10, 2015 at 5:45pm
आ तेज वीर जी आप की प्रतिक्रिया मुझे सम्बल प्रदान करती है । आभार आप का ।
Comment by Omprakash Kshatriya on August 10, 2015 at 5:42pm
आ मिथिलेश जी , लघुकथा पर आप की सधी हुई प्रतिक्रिया पा कर आनंद की अनुभूति हुई । आप के इस स्नेह के लिए आप का शुक्रिया ।
Comment by TEJ VEER SINGH on August 10, 2015 at 12:35pm

आदरणीय ओमप्रकाश जी, बहुत गंभीर विषय उठाया है आपने इस लघुकथा के माध्यम से!सुंदर रचना!हार्दिक बधाई!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 10, 2015 at 12:21pm

आदरणीय ओमप्रकाश जी, बढ़िया लघुकथा हुई है. कथानक को बहुत ही सधे हुए तरीके से शाब्दिक किया है इस बेहतरीन प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
34 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
36 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
54 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Prem Chand Gupta जी आदाब  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। कृपया नुक़्तों का विशेष ध्यान रखें…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"कू-ब-कू है ख़बर, हुआ क्या हैपर ये अख़बार ने लिखा क्या है । 1 जो परिंदे क़फ़स में जीते हैंउनको मालूम है…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम चंद गुप्ता जी आदाब, "मौन है बीच में हम दोनों के"... मिसरा बह्र में नहीं…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Chetan Prakash जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। बेवफ़ाई ये मसअला…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय अमित…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 - 1212 - 22/112 देखता हूँ कि अब नया क्या है  सोचता हूँ कि मुद्द्'आ क्या…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है, मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाइये।…"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदाब, मुसाफ़िर साहब, अच्छी ग़ज़ल हुई खूँ सने हाथ सोच त्यों बर्बर सभ्य मानव में फिर नया क्या है।३।…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल के साथ मुशायरा का आग़ाज़ करने के लिए दाद के साथ…"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service