For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुम तो जिगरी यार हो

तुम तो जिगरी यार हो

==================

दोस्त बनकर आये हो तो

मित्रवत तुम दिल रहो

गर कभी मायूस हूँ मैं

हाल तो पूछा करो ..?

-------------------------------

पथ भटक जाऊं अगर मैं

हो अहम या कुछ गुरुर

डांटकर तुम राह लाना

(मित्र है क्या ........?)

याद रखना तुम जरूर

------------------------------

तुम हो प्रतिभा के धनी हे ! 

और ऊंचे तुम चढ़ो

पर न सीढ़ी नींव अपनी

सपने भी -भूला करो

------------------------------

हे सखा या सखी मेरे

प्रेम के रिश्ते बने हैं

सम्पदा ये महत् मेरी

भाव भक्ति के सजे हैं

--------------------------------

जिसको मानो तुम प्रभू सा

मान नित दिल से करो

कृष्ण सा निज भूल करके

मित्र की पूजा करो

--------------------------------

जितने  गुण  हैं मित्र में  वो

ग्रहण कर तू बाँट दे

बांटने से और बढ़ता

परख ले पहचान ले

---------------------------------

सुख भी मिलता मन है खिलता

आत्म संयम जागता है

भय हमारा भागता है

ना अकेले हम धरा पर

संग तुम -परिवार हो

खिलखिला दो हंस के कह दो

तुम तो जिगरी यार हो

=================

"मौलिक व अप्रकाशित"

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

कुल्लू हिमाचल भारत

१५.४.२०१६

८ पूर्वाह्न -८.१४ पूर्वाह्न 

Views: 521

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on April 19, 2016 at 5:13pm

नरेंद्र जी स्वागत है आप का मित्रता पर लिखी इस रचना को आप ने सराहा आनंद आया कृपया अपना प्रोत्साहन बनाए रखें
भ्रमर ५

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on April 19, 2016 at 5:11pm

सुरेश कुमार जी स्वागत है आप का मित्रता पर लिखी ये रचना आप के मन को भायी और आप ने सराहा अच्छा लगा आभार
भ्रमर ५

Comment by narendrasinh chauhan on April 19, 2016 at 4:58pm

खूब सुन्दर 

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on April 19, 2016 at 4:11pm
बहुत खूब सुरेंद्र कुमार शुक्ल जी कितनी सुन्दर चर्चा की है मित्रता की मित्रता के मायने ही समझा दिए बधाई हो मित्रवर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"दोहे******करता युद्ध विनाश है, सदा छीन सुख चैनजहाँ शांति नित प्रेम से, कटते हैं दिन-रैन।१।*तोपों…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"स्वागतम्"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , आपका चुनाव अच्छा है , वैसे चुनने का अधिकार  तुम्हारा ही है , फिर भी आपके चुनाव से…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"एक अँधेरा लाख सितारे एक निराशा लाख सहारे....इंदीवर साहब का लिखा हुआ ये गीत मेरा पसंदीदा है...और…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"//मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक अलग तह बन के रहती है// मगर.. मलाई अपने आप कभी दूध से अलग नहीं होती, जैसे…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय जज़्बातों से लबरेज़ अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। मतले पर अच्छी चर्चा हो रही…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 179 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Thursday
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"बिरह में किस को बताएं उदास हैं कितने किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितने सादर "
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"सादर नमन सर "
Thursday
Mayank Kumar Dwivedi updated their profile
Thursday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब.दूध और मलाई दिखने को साथ दीखते हैं लेकिन मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service