हौले हौले-(ग़ज़ल - एक प्रयास)
बहर -२२ २२ २२ २
हौले हौले रात चली
हौले हौले बात चली !!१!!
हौले हौले होंठ हिले
हौले से बरसात चली !!२!!
हौले हौले आँखों में
प्यासी प्यासी रात चली !!३!!
हौले हौले जीत हुई
आलिंगन की बात चली !!४!!
हौले हौले ख़्वाबों की
आँखों से बरसात चली !!५!!
हौले हौले आँखों से
जागी जागी रात चली !!६!!
हौले हौले वो महकी
जुगनू की बारात चली !!७!!
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय सौरभ सर प्रत्युत्तर के लिए हार्दिक आभार। प्रयास जारी रहेंगे।
पगना का अंग्रेजी पर्याय होता है - सीज़ण्ड (seasoned) होना. अन्य भावार्थ होगा, कालतप्त होना.
आदरणीय सौरभ सर प्रस्तुति के प्रयास पर आपकी स्नेहाशीष का हार्दिक आभार। सर ये पगने का अर्थ समझ नहीं आया , कृपया बता कर अनुग्रहित करें ताकि बन्दा तदानुसार अपने सृजन पता पर अग्रसर हो। हार्दिक आभार सर।
ऐसे प्रयास आपके रचनाकर्म केपगने का कारण होंगे आदरणीय सुशील सरनाजी.
शुभेच्छाएँ
आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी प्रस्तुति पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभार।
आदरणीय Nilesh Shevgaonkar जी प्रयास की सराहना के लिए हार्दिक आभार। बाकी आपके कथन से मैं सहमत हूँ सर अभी आप जैसे गुणी जनों की उंगली पकड़ क्र पइयाँ पइयाँ चलना सीख रहा हूँ धीरे धीरे विविधता भी आ जाएगी। आपके आत्मीय सुझाव का दिल से आभार।
अच्छा प्रयास है...सारे शेर एक ही तरक़ीब के होने से विविधतता कम है.
विविधता लाने से ग़ज़ल निखर के सामने आएगी..
सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online