मज़दूर दिवस – ( लघुकथा ) -
कारखाने में मज़दूर दिवस मनाया जा रहा था! मंच पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान थे! उनके दायीं ओर प्रदेश के मुख्य मंत्री और बायीं तरफ़ कारखाने के मालिक सेठ धनपति लाल मौज़ूद थे!
कारखाने के चुंनिंदा कामगारों को सम्मानित किया जाना था! सर्वश्रेष्ठ कामगार का पुरुस्कार सुखराम को मिलना था! सेठ जी ने माइक पर जैसे ही संबोधित करना शुरू किया! तभी सेठ जी के सैक्रेटरी ने सेठ जी के कान में बताया “आपके कार्यालय के ए सी को जांच करते समय सुखराम को विद्युत आघात लगा है! वह आपके कार्यालय में बेहोश पडा है”!
सेठ जी ने भी उसी तरह फ़ुसफ़ुसाकर उसे कहा “उसे वहीं रखो और कुछ प्राथमिक उपचार दे दो! यह खबर गोपनीय रहनी चाहिये”!
कार्यक्रम का समापन हो चुका था! कारखाने के मुख्य द्वार से नेताओं और अतिथिओं का काफ़िला निकल रहा था! सेठ जी सभी को उपहार देकर विदा कर रहे थे!
उसी समय कारखाने के पिछले द्वार से कारखाने के सर्वश्रेष्ठ कामगार सुखराम की लाश उसके घर भिजवाई जा रही थी!
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी!
हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी!
हार्दिक आभार आदरणीय डॉ विजय शंकर जी!
हार्दिक आभार आदरणीय गणेश जी बागी जी! लघुकथा पर उपस्थित होने के लिये! आपने अपनी टिप्पणी के जरिये कुछ अच्छे सुझाव पेश किये हैं!जहां तक मेरी जानकारी है कामगार, मज़दूर, लेबर, श्रमिक, वर्कर सब एक ही स्तर के होते हैं! इलैक्ट्रीशियन भी इसी श्रेणी में आता है!वह दक्ष मज़दूर या स्किलड वर्कर होता है!वर्कर्स की तीन कैटेगरी होती हैं!स्किलड,सैमी स्किलड और अन स्किलड! इंडस्ट्रियल एक्ट के मुताबिक जो भी कर्मचारी या मज़दूर लेबर एक्ट के अंतर्गत आता है!वह लेबर, कामगार, वर्कर, मज़दूर या श्रमिक कहलाता है!सादर!
आदरणीय तेजवीर सिंह जी वाह वाही की शाल में हकीकत बिलबिलाती रही। यथार्थ को मार्मिकता से प्रस्तुत करने के लिए हार्दिक बधाई सर।
//ए सी को जांच करते समय सुखराम को विद्युत आघात लगा है//
//सर्वश्रेष्ठ मज़दूर का पुरुस्कार सुखराम को मिलना था//
प्रश्न उठता है कि सुखराम इलेक्ट्रीशियन था या मजदूर ?
एक सुझाव :
आज कारखाने के कुछ चुंनिंदा मज़दूरों कामगारों को सम्मानित किया जाना था! सर्वश्रेष्ठ मज़दूर कामगार का पुरुस्कार सुखराम को मिलना था!
इस प्रयास पर बधाई आदरणीय तेज वीर सिंह जी.
हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ पांडे जी!आपका मेरी लघुकथा पर उपस्थित होना और टिप्पणी करना मेरे लिये गौरव की बात है!पुनः आभार!
यह एक ऐसी घटना है आदरणीय, कि कोई संवेदनशील व्यक्ति हिल जाये. दिल में गहरे पैठ जाय ऐसी दशा है. हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.
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