टूटे पैमाने ....
२२ २२ २२ २
कुछ टूटे पैमाने हैं
कुछ रूठे दीवाने हैं
कुछ हैं सपनों में डूबे
कुछ खुद से अंजाने है
यादों के तहखानों में
बंद कई अफ़साने हैं
सोये शानों पर मेरे
टूटे ख़्वाब पुराने हैं
सहमे सहमे आँखों से
छलके दर्द दीवाने हैं
मुझको उसकी नज़रों से
बहते ज़ख्म चुराने हैं
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आ. maharshi tripathi जी ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी मन मुदित करती प्रशंसा का शुक्रिया।
आ. Tasdiq Ahmed Khan जी ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी नज़रे इनायत का दिल से शुक्रिया
मोहतरम जनाब सुशील सरना साहिब , छोटी बहर में सुन्दर ग़ज़ल के लिए शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
आ. pratibha pande जी ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी नज़रे इनायत का दिल से शुक्रिया
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल ,ढेरों बधाई प्रेषित है आपको आदरणीय सुशील सरना जी
आ. सुरेश जी ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी मन मुदित करती प्रशंसा का शुक्रिया। नेट व्यवधान के कारण आभार व्यक्त न कर पाया, क्षमा चाहूंगा।
आ. राहिला जी ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी नज़रे इनायत का दिल से शुक्रिया। नेट व्यवधान के कारण आभार व्यक्त न कर पाया, क्षमा चाहूंगा।
आ. rajesh kumari जी ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी होसला अफ़ज़ाई का दिल से शुक्रिया। नेट व्यवधान के कारण आभार व्यक्त न कर पाया, क्षमा चाहूंगा।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online