For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

टूटे पैमाने ....

टूटे पैमाने   .... 

२२ २२ २२ २ 

कुछ टूटे पैमाने हैं
कुछ रूठे दीवाने हैं 


कुछ हैं सपनों में डूबे
कुछ खुद से अंजाने है

 

यादों के तहखानों में
बंद कई अफ़साने हैं 

सोये शानों पर मेरे
टूटे ख़्वाब पुराने हैं 

सहमे सहमे आँखों से
छलके दर्द दीवाने हैं 

मुझको उसकी नज़रों से
बहते ज़ख्म चुराने हैं 


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 679

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on June 7, 2016 at 8:03pm

आ.  maharshi tripathi जी  ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी मन मुदित करती प्रशंसा का  शुक्रिया।

Comment by maharshi tripathi on June 7, 2016 at 5:36pm
छोटी परंतु भावपूर्ण रचना हेतु,बधाई आपको !!!
Comment by Sushil Sarna on June 7, 2016 at 11:14am

आ.  Tasdiq Ahmed Khan    जी  ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी नज़रे इनायत  का दिल से शुक्रिया

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 6, 2016 at 8:50pm

मोहतरम जनाब सुशील सरना साहिब ,  छोटी बहर में सुन्दर ग़ज़ल के लिए शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं

Comment by Sushil Sarna on June 6, 2016 at 1:10pm

आ.  pratibha pande     जी  ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी नज़रे इनायत  का दिल से शुक्रिया

Comment by pratibha pande on June 6, 2016 at 12:32pm

बहुत  खूबसूरत  ग़ज़ल ,ढेरों बधाई प्रेषित है आपको आदरणीय सुशील सरना जी 

Comment by Sushil Sarna on June 6, 2016 at 12:27pm

आ. सुरेश  जी  ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी मन मुदित करती प्रशंसा का  शुक्रिया। नेट व्यवधान के कारण आभार व्यक्त न कर पाया, क्षमा चाहूंगा। 

Comment by Sushil Sarna on June 6, 2016 at 12:26pm

आ.  राहिला    जी  ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी नज़रे इनायत  का दिल से शुक्रिया। नेट व्यवधान के कारण आभार व्यक्त न कर पाया, क्षमा चाहूंगा। 

Comment by Sushil Sarna on June 6, 2016 at 12:25pm

आ.   rajesh kumari   जी  ग़ज़ल की प्रस्तुति पर आपकी होसला अफ़ज़ाई का दिल से शुक्रिया। नेट व्यवधान के कारण आभार व्यक्त न कर पाया, क्षमा चाहूंगा। 

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on June 6, 2016 at 10:23am
बहुत ही सुन्दर गजल श्री मान बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
23 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
24 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
25 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
25 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
26 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
27 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
42 minutes ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service